आवंटन में गड़बड़ी के कारण वास्तविक ट्रांसपोर्टों को नहीं मिला हक ,परेशान हो रही लाखों की आबादी
जबलपुर (जय लोक) । इस वक्त शहर में ट्रांसपोटरों के द्वारा सडक़ों में किया जा रहा व्यापार भरी वाहनों की धामचौकड़ी और उसके कारण लाखों की संख्या में आम लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा सबसे अधिक गर्माया हुआ है। कस्तूरबा गांधी वार्ड भी उन आधा दर्जन से अधिक नगर निगम के वार्डों में शामिल है जहां पर इसके कारण लाखों लोगों को रोजाना यातायात व्यवस्था बिगडऩे के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां लोग दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं। अन्य सभी मुद्दों को लेकर कांग्रेस के पार्षद संतोष दुबे पंडा ने कल सदन में पूरे तथ्यों के साथ इस मामले को उठाया और पूरी गर्मजोशी के साथ सदन को यह बताया कि किस प्रकार से कुछ लोगों की मनमानी के कारण लाखों की संख्या में शहर की सडक़ों से रोजाना गुजरने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इसके कारण यातायात व्यवस्था भी चरमराई रहती है। चंडाल भाटा ट्रांसपोर्ट नगर में प्लाटों के आवंटन में फर्जीवाड़ा हुआ, जिसके कारण शहर के मध्य में बैठे ट्रांसपोटरों को वहां जगह नहीं मिल पाई। इन ट्रांसपोटरों को अगर वहाँ भूखंड देकर व्यवस्थित करने का काम नगर निगम करता है वो शहर के 6 वार्डों के साथ लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में कठौंदा ग्राम में पटाखा व्यापारियों को भूमि आवंटन में चर्चा के दौरान पार्षद संतोष दुबे पंडा ने ट्रांसपोर्ट नगर चंडाल भाटा का मुद्दा उठाया और चर्चा के दौरान एक माँग पत्र सदन में पार्षद दल के साथ अध्यक्ष रिंकू विज को सौंपा। पार्षद ने सदन को इस बात से अवगत कराया कि आगा चौक से लेकर बलदेवबाग, पांडे चौक, उखरी रोड तक का ट्रांसपोर्ट व्यवसाय यदि रिक्त भूमि में स्थानांतरित हो जाए जिससे भूमि का सदुपयोग भी हो सकेगा एवं शहर का यातायात व्यवस्थित हो सकेगा। ज्ञात हो लगभग 15 दिन पहले पार्षद संतोष दुबे द्वारा एक दिवसीय धरने के माध्यम से प्रशासन से माँग की थी। इस समस्या के निवारण के लिए सदन के माध्यम से सुझाव दिए हैं जिसमें चांडाल भाटा ट्रांसपोर्ट नगर में अवैध रूप से आवंटित किए गए प्लॉटों की सूची भी प्रदान की और जब ट्रांसपोर्ट नगर की लीज अवधि 2022 तक ही है तब ट्रांसपोर्ट नगर अन्यत्र कहीं स्थानांतरित किया जाए एवं उक्त भूमि प्रशासन अपने कब्जे में लेकर वहां का उपयोग किसी और कार्य में लें। माँगपत्र के साथ चांडाल भाटा ट्रांसपोर्ट नगर में हुई अनियमिताओं से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर जवाब मांगा गया है । निगम अध्यक्ष द्वारा मामले की जाँच करने एवं उचित जवाब प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया।
पार्षद संतोष दुबे ने ट्रांसपोर्टरों को भूमि आंवटन के संबंध में बताया कि उपरोक्त प्रयोजन हेतु ट्रांसपोर्टरों को लीज पर आवंटित की थी जो कि 2022 में समाप्त हो गई है, तथा 11 शर्तों का उल्लेख लीजधारी हेतु किया गया था जिसमें ट्रांसपोर्ट मैकेनिक मोटर पार्ट्स व्यवसाय नहीं करने, 3 माह के अंदर निर्माण चालू करने 8 माह में पूर्ण करने, किन्तु 92 भूखंडधारियों द्वारा 30 वर्ष की लीज अवधि समाप्ति के बाद भी निर्माण नहीं किया है, 9 पट्टेधारी ऐसे हैं जिन्होंने जमीन को किराये पर देने की शर्त का खुलेआम उल्लंघन किया। चंडालभाटा स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में 80 प्रतिशत भूखण्ड गोदाम के रूप में किराये पर चल रहे हैं जबकि इसमें मूल शर्तें थी कि मूल आवंटित भूखण्ड का विक्रय केवल ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को ही करेगा, जो भूखंड खरीद रहा है वह 10 वर्ष पुराना ट्रांसपोर्ट व्यापारी होना चाहिए। इन शर्तों का ट्रांसपोर्टरों द्वारा खुले आम उल्लंघन किया गया है, जिसमें निगम प्रशासन मूक दर्शक बना रहा, यदि ईमानदारी से ट्रांसपोर्ट नगर व्यवस्थित किया जाता तो आज जबलपुर शहर के यातायात की ऐसी दुर्दशा नहीं होती ।
अध्यक्ष बने राजेश उर्फ बबलू अग्रवाल के नाम से एक दर्जन प्लाट
पार्षद संतोष दुबे ने सदन में दिए माँग पत्र में यह आरोप लगाया है कि ट्रांसपोर्ट नगर में व्याप्त अनियमितताओं की गंभीरता से जाँच की जावे तथा एक ट्रांसपोर्टर को एक भूखण्ड आवंटन का प्रावधान था । किन्तु ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल (बबलू) के परिवार में ही लगभग एक दर्जन भूखण्ड आवंटित हैं जो सूक्ष्म जाँच का विषय है, जिससे एक बड़े घोटाले का खुलासा हो सकेगा । राजेश उफऱ् बबलू अग्रवाल ने कई लोगों को फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर अन्य प्लाट भी बेचे है इसकी भी जाँच होनी चाहिए ताकि वास्तविक लोगों को ट्रांसपोर्ट नगर में भूखंड मिल सके।
फ्लाई ओवर के नीचे बना ली पार्किंग – पार्षद संतोष दुबे ने सदन के ध्यान में यह मुद्दा भी उठाया कि करोड़ों की लागत से जो फ्लाई ओवर बना है उसके नीचे वाहनों की धमाचौकड़ी, फुटपाथों पर ट्रांसपोर्टरों की गाडिय़ों का कब्जा है। जिस कारण सडक़ में चलने की जगह ही नहीं बची है जिससे आये दिन नागरिकों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है । इसके साथ ही आगा चौक से रानीताल शमशान की ओर जाने वाले रास्ते पर रहवासी क्षेत्र में ट्रांसपोर्टरों के बड़े-बड़े ट्रक एवं गाडिय़ाँ महीनों से खड़ी हैं जिससे अंतिम यात्रा निकलने में भारी परेशान होती है। क्षेत्र में उन गाडिय़ों के कारण सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है। संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी रहती है। उक्त समस्या सम्पूर्ण उत्तर-मध्य विधानसभा में व्याप्त है जिसके कारण लोगों का चलना भी मुश्किल हो गया है।