नई दिल्ली (जयलोक)। ट्रेनों में सामान छोडऩे के मामले में महाराष्ट्र को भुलक्कड़ राज्य के तौर पर देखा जा रहा है। वजह है कि महाराष्ट्र के यात्री एक साल में साढ़े पांच करोड़ के आसपास का सामान अपनी ट्रेन में भूले हैं। हालांकि रेलवे ने ऑपरेशन अमानत के तहत उनका सामान वापस लौटाया है। महाराष्ट्र में यात्री लैपटॉप तक भूल रहे हैं। सेंट्रल जोन ने चालू साल के दौरान जनवरी से नवंबर-2024 तक ऑपरेशन ‘अमानत’ के तहत यात्रियों के 1491 सामान बरामद किए हैं, जिनकी कीमत 5.22 करोड़ रुपये है।नवंबर-2023 की अवधि के दौरान 4.12 करोड़ रुपये मूल्य के 1494 सामान बरामद किए गए। इनमें बैग, मोबाइल फोन, पर्स, लैपटॉप और अन्य कीमती सामान शामिल है, जबकि इस साल एक करोड़ से ज्यादा 5.22 करोड़ रुपये का सामान बरामद किया गया है। इनमें से 43.72 लाख रुपये मूल्य के 157 सामान अकेले नवंबर-2024 के महीने में बरामद किए गए। सेंट्रल रेलवे के पांचों जोंनों में सबसे ज्यादा सामान मुंबई डिवीजन के लोग भूले हैं। जनवरी से लेकर नवंबर तक इस डिवीजन में 649 सामान पाया गया, जिसकी कीमत 2.55 करोड़ रुपये है। वहीं भुसावल डिवीजन दूसरे नंबर पर रहा, जहां पर 261 सामान पाया गया, जिसकी कीमत 1.07 करोड़ रुपये है। नागपुर डिवीजन में 322 सामान बरामद हुआ, जिसकी कीमत 67.89 लाख रुपये है। सोलापुर डिवीजन में 88 सामान पाया गया, जिसकी कीमत 51.86 लाख रुपये है और पुणे डिवीजन में 171 सामान जिसकी कीमत 39.73 लाख रुपये है।
बता दें कि भारतीय रेलवे लोगों का भूला सामान वापस करने के लिए ऑपरेशन अमानत चलाता है। इसके तहत यात्रियों के खोए या पीछे छूटे सामान, मोबाइल फोन, लैपटॉप, आभूषण, नगदी आदि जैसी कीमती चीजें बरामद की हैं और उन्हें वापस किया गया है। ट्रेन में यात्री जल्दबाजी में बैग-ब्रीफकेस भूल जाते हैं, इसे आरपीएफ या रेलवे कर्मी मालखाने में जमा करा देते हैं और जब सामान के मालिक को याद आता है तो वो स्टेशन जाता है, कानूनी कार्रवाई करके सामान सौंप दिया जाता है, लेकिन एक राज्य के यात्री ट्रेन में लैपटॉप जैसी कीमती चीजें भूलने में सबसे आगे हैं. हालांकि और भी चीजें लोग भूलते हैं। कुल मिलाकर यहां पर इस साल अब तक कई करोड़ का सामान यात्री भूल चुके हैं, आइए जानें ये राज्य कौन सा है।