जबलपुर(जय लोक)
शमीम कबाड़ी के फरार होने के बाद अब दो टीमें उसको पकडऩे के लिए लगाई गई हैं। 25 अप्रैल को खजरी खिरिया में स्थित शमीम कबाड़ी के 10 हजार वर्गफुट के कबाडख़ाने में जोरदार ब्लॉस्ट में दो लोगों के परखच्चे उड़ गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने शमीम के पुत्र फहीम खान, पार्टनर सुल्तान अली को पुलिस रिमांड में लिया था। सुल्तान अली की रिमांड खत्म होने पर पहले ही उसे जेल भिजवा दिया था और फहीम खान को दो दिन की और रिमांड पर ले लिया था। कल शुक्रवार को फहीम की रिमांंड खत्म हो गई और उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल में दाखिल करा दिया गया। सुल्तान और फहीम अब जेल में हैं और शमीम की तलाश जारी है। शमीम पुलिस रिकॉर्ड का पुराना हिस्ट्रीशीटर है और पूर्व में भी कई बार फरारी काट चुका है। जबलपुर के अलावा नरसिंहपुर, कटनी से लेकर बॉम्बे ,कलकत्ता, बांग्लादेश, पाकिस्तान तक संपर्क होने की जानकारी पुलिस के सामने आई है। सुलतान और फहीम ने पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं दी और गोलमोल जवाब देते रहे । फहीम एक ही बात कहता रहा कि मुझे कुछ नहीं पता ,सब कुछ पिता करते हैं। हालांकि शमीम के पार्टनर सुल्तान अली से पूछताछ के बाद पुलिस ने कई और कबाडिय़ों का पता लगाया है।
जाँच रिपोर्ट में मिलेंगे सवालों के जवाब
इस भीषण विस्फोट के बाद कई प्रकार के सवाल खड़े हुए। सबसे प्रमुख सवाल यह था कि यह घातक बम कबाडख़ाने तक कैसे पहुंचे। अगर किसी आयुध निर्माणी से या और स्टेशन से स्क्रैप के माध्यम से कबाड़ खरीदा गया तो निष्क्रिय बम जिंदा कैसे आ गया। निष्क्रिय बम वह होता है जो टेस्टिंग के दौरान ना फटे और फुस्स हो जाए लेकिन ऐसे बम कई बार बाद में फट जाते हैं। क्योंकि उसके अंदर की बारूद कभी भी विस्फोट का रूप ले सकती है। अब बड़ा सवाल यह है कि निर्माणी से यह कबाड़ खरीदा गया वहां के अधिकारियों ने, कर्मचारियों ने कैसे इस बम को कबाड़ में शामिल होकर यहां तक पहुँचने दिया। इस बम में भीषण विस्फोट कैसे हुआ यह भी एक बड़ा सवाल है। जांच एजेंसी के सामने यह बात भी आई है कि कबाड़ खाने में बमों से निकलने वाले बारूद को संग्रहित किया जा रहा था। आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा था ? राष्ट्रीय स्तर की जाँच एजेंसी ने धमाके के अगले दिन से ही अपनी जाँच पड़ताल शुरू कर दी थी और वे मौके से कई प्रकार के सैंपल और बहुत सारी जानकारियां एकत्रित करके ले गए थे। अब सबकी नजर एनएसजी और एनआईए की रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। जो 15 मई तक आने की संभावना है।
कई स्थानों पर पहुँची पुलिस
घटना के बाद से फरार शमीम कबाड़ी की पुलिस लगातार तलाश कर रही है। शमीम की तलाश में पुलिस ने कई शहरों में छापेमारी की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका यह बात भी सामने आई है कि एमपी के आमला शहर से एयरफोर्स के विस्फोटक आए थे। यह भी संभावना जताई जा रही है कि शमीम उत्तरप्रदेश में हो सकता है। पुलिस ने उप्र के आमला, प्रयागराज सहित कई जगहों पर छापे मारी की है।
शमीम-फहीम-सुल्तान कुछ नहीं होगा इनका
शमीम कबाड़ी उसके बेटे फहीम और उसके कबाड़ी पार्टनर सुल्तान अली के बारे में पूरे जनमानस में विशेष कर मुस्लिम समुदाय से लेकर इनके यहां काम करने वाली लेबर और बहुत से पुलिस अधिकारी कर्मचारी सार्वजनिक तौर पर इस बात की चर्चा करते नजर आ रहे हैं कि शमीम-फहीम-सुल्तान इन लोगों का गंभीर मामले में नाम आ जाने के बाद भी कुछ नहीं होगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शमीम और उसके भाइयों का बड़े आईएएस आईपीएस अधिकारियों, विधि जगत की बड़ी हस्तियां, राजनीतिक क्षेत्र की बड़ी हस्तियां से संबंधों की चर्चा पूर्व से ही चली आ रही है। पूर्व के जितने भी मामले शमीम कबाड़ी पर दर्ज हुए थे, उन सभी में या तो वह जमानत लेकर बाहर आ गया है या फिर कानूनी दांव पेंच का पूरा उपयोग कर न्यायालय से छूट गया। लेनदेन की सेटिंग और करोड़ों रुपए का आदान-प्रदान जमाने के लिए शमीम के गुर्गे सक्रिय हो गए हैं। और अब इसी का इंतजार किया जा रहा है यह कैसे इस मामले को समाप्ति की दिशा में बढ़ाया जाए।