जबलपुर (जयलोक)। जनता के विरोध के बावजूद भी जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है। त्योहारों के समय अधिकारी नेता जैसे ही त्योहारों में व्यस्त हुए वैसे ही स्मार्ट मीटर लगाने वाले निजी ठेके के कर्मचारियों ने लोगों के घरों में जाकर धमकाने वाले अंदाज में फिर से मनमानी करते हुए स्मार्ट मीटर लगाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। शहर के आम नागरिकों में इसको लेकर काफी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में यही धारणा है कि यह काफी तेज चलता है गर्म होने पर भी अपने आप रीडिंग बढ़ती है। इसके अलावा यह बात भी बहुत अधिक प्रचारित है कि बिजली की बटन चालू छूट जाने पर भी यह बिजली की रीडिंग को लगातार बढ़ाता जाता है। पूर्व में भी जिनके घर पर स्मार्ट मीटर लगे हैं उनका अनुभव अच्छा नहीं है जिसके कारण अन्य लोग जबरदस्ती नगर स्मार्ट मीटर लगाने की मनमानी का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
पूर्व में भी कई बार विरोध कि बात सामने आ चुकी है ऐसे में जैसे ही जनता का विरोध बढ़ता है, अधिकारी कुछ समय के लिए ठेकेदारों पर नियंत्रण पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन जैसे ही हालात सामान्य होते हैं, ठेका कर्मी फिर से उपभोक्ताओं के घरों में घुसने लगते हैं। वर्तमान में त्योहारों का मौसम है और इस बीच स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया ने एक बार फिर विवादों को जन्म दे दिया है। उपभोक्ता इस नई व्यवस्था से नाखुश हैं। उपभोक्तााओं कि शिकायत है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनका बिजली बिल पहले से दोगुना हो गया है। यह समझ नहीं आता कि बिना किसी अतिरिक्त उपकरण के बिजली की खपत इतनी कैसे बढ़ सकती है।
पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे ठेकेदार कर रहे दुव्र्यवहार-सौरभ शर्मा
कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया है कि स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि सरकार ने जिन कंपनियों को ठेका दिया, उन्होंने इसे छोटी कंपनियों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट में दे दिया है। इससे उपभोक्ताओं के साथ दुव्र्यवहार बढ़ गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस नेताओं ने जबलपुर समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन भी किया, जहां उन्होंने मीटर की तेज रीडिंग के कारण बिजली बिल में अचानक बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। लेकिन स्थिति और समस्या जस की तस है। इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासन की उदासीनता भी देखने को मिल रही है। त्योहारों की तैयारियों में जुटे अधिकारी इस समस्या को नजर अंदाज कर रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब भी वे अपनी शिकायत लेकर अधिकारियों के पास जाते हैं, उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिलते। इससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है और लोग इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।