जबलपुर (जय लोक)। वर्ष के अंत में साल भर में हुए अपराधों के आंकड़े सामने आए हैं। वैसे तो पिछले 2 साल के आंकड़ों से अगर इस वर्ष के आंकड़ों का मिलान किया जाए तो बड़े अपराधों में कोई बहुत विशेष फर्क नजर नहीं आ रहा है। दो बड़े फर्क जो नजर आ रहे हैं वो यह हंै कि एक तो प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के मामले में पुलिस ने दो साल के अपने ही रिकॉर्ड तोड़ दिए हंै और आपराधिक किस्म के लोगों के ऊपर जमकर कार्यवाही की गई है। 2022 में 33714, वहीं 2023 में 36482 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई थी, लेकिन इस बार 42626 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। दूसरा हत्या के प्रयास के मामले आंकड़े के हिसाब से पिछले दो सालों से अधिक दर्ज हुए हैं। 2022 में 73 और 2023 में 76 मामले दर्ज हुए थे लेकिन इस बार 137 मामले दर्ज हुए हैं। उसका कारण यह है कि पुलिस ने चाकूबाजों के खिलाफ फरियादियों की शिकायत पर चाकू से हमला मतलब जानलेवा हमला दर्ज करना शुरू कर दिया। इसके कारण चाकूबाजों को गंभीर अपराध के तहत लम्बे समय तक जेल में रहना पड़ता है। हिंसक शारीरिक अपराधों से संबंधित मामलों में पुलिस ने 90 प्रतिशत मामलों को सुलझा लिया है और इनके आरोपी भी चिन्हित होकर पकड़े जा चुके हैं। इसके साथ ही चोरी की घटनाओं को सुलझाने में भी पुलिस को 40 प्रतिशत तक सफलता मिली है। कुछ मामले चोरी के अभी भी अनसुलझे है और पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।
चाकूबाजों के खिलाफ एसपी सख्त
जबलपुर में नवागत पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय को लगभग ढाई महीने का समय हो रहा है। जब वे जबलपुर की कमान संभालने आए और अपराध गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली तो पता चला कि जबलपुर में चाकू बाजी की घटनाएं बहुत अधिक होती हंै। पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने इनको रोकने के लिए सभी अधीनस्थ अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। इसके बाद चाकूबाजी की घटना होने पर फरियादी की मंशा के अनुरूप हर मामले को और अधिक गंभीरता से लेते हुए 307 हत्या का प्रयास का मामला दर्ज किए जाने लगा। इसलिए विगत वर्षों की अपेक्षा में हत्या के प्रयास के मामले का आंकड़ा बढ़ा हुआ दिख रहा है। लेकिन यह चाकूबाजों की कमर तोडऩे के लिए यह बहुत ही आवश्यक निर्णय भी समझा जा रहा है। इस वर्ष पुलिस ने रेत चोरी के 87 मामले दर्ज किये हंै जबलपुर के नर्मदा तटों से लगे हुए इलाकों में रेत चोरी होने की शिकायतें सामने आती रहती है।
9000 अपराधियों का एसपीने तैयार करवाया डाटा
शहर की सडक़ों पर आए दिन चाकूबाजी की घटना को अंजाम देकर खून बहाने वाले और गुंडागर्दी, माफिया डॉन बनने की राह पर चल रहे गुंडे बदमाशों को सबक सिखाने के लिए पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने जिले के हर थाने में सक्रिय ऐसे बदमाशों की सूची तैयार करवाई है जिनके खिलाफ 5 साल में दो वारदातों से अधिक मामले दर्ज हुए हों। सूची जब तैयार होकर सामने आई तो यह पाया गया कि जिले में करीब 9000 ऐसे अपराधी हैं जिनके खिलाफ 5 साल के अंतराल में दो या दो से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही 1000 ऐसे अपराधी भी चिन्हित हुए हैं जिन्होंने 5 साल में पांच से अधिक आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है। ऐसे सभी गुंडे बदमाशों को अब पुलिस ने अपनी रडार में कर लिया है। इनकी हर गतिविधि पर हर तरह से नजर रखी जाएगी।
इनका कहना है
अपराधियों पर लगाम लगाना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। आदतन अपराधियों को चिन्हित करने का कार्य किया गया है। उनके ऊपर सख्ती से निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा किसी भी पीडि़त की शिकायत पर सभी अधिकारियों को पूर्ण गंभीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
संपत उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक