जबलपुर (जय लोक)। भारतीय जनता पार्टी के संगठन के चुनाव चरणबद्ध तरीके से हो रहे हैं। सदस्यता अभियान के बाद भाजपा के बूथ स्तर के पदाधिकारी और कार्यकारिणी के सदस्यों के चुनाव हो चुके हैं। अधिकांश बूथों में समितियों के गठन का काम पूरा हो चुका है। बूथ समिति के चुनाव के बाद भाजपा के शक्ति केंद्रों का भी गठन हो चुका है।
भाजपा संगठन चुनाव का अब अगला चरण अगले दिसंबर माह में शुरू होने जा रहा है। अब भाजपा के मंडल और जिला अध्यक्ष के चुनाव होने जा रहे हैं। भाजपा की सबसे महत्वपूर्ण इकाई मंडल होते हैं और 1 दिसंबर से मंडल अध्यक्ष के चुनाव शुरू होंगे। शहर में भाजपा के चार विधानसभा क्षेत्र में 16 मंडल मौजूद हैं। इन मंडलों के अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही अन्य पदाधिकारी और सदस्य भी चुने जाएंगे।
भाजपा के बूथ समिति और शक्ति केंद्रों के चुनाव तो खामोशी के साथ हो गए हैं लेकिन अब मंडल अध्यक्षों के चुनाव को लेकर भाजपा संगठन में काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं में गहमा-गहमी रहेगी। नगर भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में मंडलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए भाजपा के मंडल इस बार भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मंडल अध्यक्ष के चुनाव 15 दिसंबर तक हो जाएंगे। 15 दिनों में मंडल अध्यक्षों के चुनाव हो जाने के बाद भाजपा के नगर अध्यक्ष के चुनाव का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। 31 दिसंबर तक भाजपा के संगठन चुनाव का काम पूरा हो जाएगा। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में मंडल अध्यक्षों और नगर अध्यक्ष के चुनाव की तारीखें भी तय कर दी हैं। इन चुनावों के लिए चयन की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष के सामने दावेदारों की लेफ्ट राइट
बहुत जल्द ही प्रदेश भाजपा के संगठन चुनाव संपन्न होने वाले हैं। इसी बीच कल जबलपुर में प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का नगर आगमन हुआ। स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान वे लोग भी नजर आए जो ग्रामीण अध्यक्ष नगर अध्यक्ष दौड़ में शामिल हैं और ऐसे लोगों को प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के सामने लेफ्ट राइट करते भी देखा गया। हालांकि अधिकृत तौर पर नगर अध्यक्ष या ग्रामीण अध्यक्ष के संबंध में किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं हुई ना ही वरिष्ठ नेताओं ने कोई बात रखी। लेकिन जो दावेदार हैं वह कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते। नगर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए कौन कौन दावेदारी कर रहा है, किस दावेदार के पीछे किसी नेता का समर्थन है यह सबसे अधिक चर्चा का विषय है। भाजपा में नजर आ रहे अंतरद्वंद पर भी खुलकर प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ नहीं कहा। लेकिन चली आ रही खींचतान की पूरी जानकारी उनके पास है। यह बात तो स्पष्ट है कि नगर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष के लिए बहुत रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।
उम्रदराज भाजपाईयों को नहीं मिलेगा मौका
मंडल अध्यक्ष और नगर अध्यक्ष की उम्र तय होन का होगा बड़ा असर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कल नगर भाजपा अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के चुनाव को लेकर आयु सीमा की घोषणा की है। श्री शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि जिला भाजपा अध्यक्ष और नगर भाजपा अध्यक्ष अब 60 वर्ष से अधिक उम्र के नहीं बन पाएंगे। इसी तरह भाजपा के मंडल अध्यक्ष भी 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के नहीं बन पाएंगे। आयु सीमा के तय हो जाने से अब भाजपा के ऐसे नेता जो निर्धारित उम्र को पार कर चुके हैं उन्हें संगठन में पद मिलने की उम्मीदें कम हो गई हैं। ऐसे उम्र दराज भाजपा नेता अब संगठन में किसी भी तरह के पद नहीं पा सकेंगे। बहुत सारे भाजपा के वरिष्ठ नेता इस बार अध्यक्ष बनने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन अब ऐसी कोशिश में लगे उन नेताओं को निराश होना पड़ेगा जो 60 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने नगर अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के पद के लिए जो आयु सीमा निर्धारित की है उससे अब युवाओं को इस तरह के पद मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने संगठन के चुनाव को लेकर कहा कि भाजपा के बूथ मजबूत है यहीं भाजपा की ताकत है और कार्यकर्ता भाजपा से लगातार जुड़ते भी जा रहे हैं।