दो दिवसीय यात्रा में द्विपक्षीय बातचीत और भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को कुवैत यात्रा पर रवाना हो गए। 43 साल के बाद यह कोई भी भारतीय पीएम पहली कुवैत यात्रा है। पीएम मोदी यहां दो दिन रहेंगे। साल 2024 की पीएम नरेंद्र मोदी की यह अंतिम विदेश यात्रा है। पीएम अपनी यात्रा में कुवैत के लीडर्स से द्विपक्षीय बातचीत के अलावा भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी कुवैत की इस यात्रा से अरब के सात देशों को साधने की भी कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबेर अल-सबाह से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। भारत और कुवैत के बीच रिश्तों को और मजबूत करने यह यात्रा काफी मायने रखती है क्योंकि कुवैत भारत के टॉप ट्रेडिग पार्टनर में से एक है। दोनों देशों के बीच साढ़े 10 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। कुवैत, भारत में क्रूड का छठा और एलपीजी का चौथा बड़ा सप्लायर है। कुवैत में रहने वाले प्रवासियों में सबसे बड़ी आबादी भारतीय समुदाय की है। ऐसे में पीएम मोदी यहां भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे और लेबर कैंप का दौरा करेंगे ताकि कुवैत में भारतीय वर्कर्स को महत्व दिया जा सके। पीएम के भारतीय समुदाय कार्यक्रम में 4 से 5 हजार भारतीयों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
भारत मिडिल-ईस्ट के देशों में एनर्जी और गैस सहित कई तरह के कारोबार पर निर्भर हैं। अरब मुल्क कई कारणों से भारत को अहमियत देते हैं। यह चौंदहवी बार है जब पीएम मोदी अरब के किसी देश का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वह दो बार कतर और सऊदी अरब एक बार ओमान और बहरीन जबकि सात बार संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर चुके हैं।
मिडिल-ईस्ट के देशों में लाखों भारतीय बड़ी संख्या में काम करते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक कुवैत में भारतीयों की तादाद करीब दस लाख है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में भारतीयों की तादाद पैंतीस लाख है। ये भारतीय बड़ी संख्या में भारी रकम देश में भेजते हैं। इसके अलावा भारत में ऊर्जा जरूरतें के लिए अरब देशों पर निर्भर है। इसके मद्देनजर भारत ने अरब देशों से अपने रिश्तों को और मजबूत करने की कोशिश की है।