विधायक दल की बैठक से बाहर आए अनिल विज, सरकारी गाड़ी भी छोड़ी
चंडीगढ
हरियाणा में पांच साल पुराना भाजपा जजपा गठबंधन टूट गया है। मंगलवार को दिन चढ़ते ही प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हुईं जो दोपहर होते होते एक सियासी भूचाल में बदल गई। भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद मनोहर लाल ने पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया।
दावा करने पहुँचे राजभवन
सूत्रों के अनुसार, नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया सीएम चुन लिया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया। नायब सिंह सैनी सरकार बनाने का दावा करने राजभवन पहुंचे हैं। शाम 5 बजे वो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सैनी मनोहर लाल के करीबी हैं। 27 अक्टूबर 2023 को ही उन्हें हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। जानकारी के मुताबिक सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार सुबह 11 बजे भाजपा विधायक दल के साथ मीटिंग की थी। इस बैठक के बाद ही हरियाणा के राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए खट्टर निकले थे। उनके साथ गृहमंत्री भी मौजूद थे। इनके अलावा उनके साथ मंत्री भी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे और सभी ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं। बताया गया है कि मुख्यमंत्री आवास में मनोहर लाल पहुंचे और उन्होंने कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक भी की थी। इसके बाद ही मनोहर लाल राजभवन के लिए रवाना हुए थे। यहां यह भी बतलाते चलें कि सीएम के साथ अनिल विज भी थे। सीएम के अलावा, अन्य सभी मंत्री अपनी-अपनी गाडिय़ों से राजभवन पहुंचे थे। कुछ समय बाद ही सस्पेंस से पर्दा उठा और अब कहा जा रहा है कि सीएम खट्टर ही होंगे और शाम 5 बजे पुन: मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस बीच गठबंधन टूटने से राजनीतिक समीकरण बदलने की बात सामने आई है।
लोकसभा में सीट शेयरिंग को लेकर टूटा गठबंधन
जजपा लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 1 से 2 सीटें मांग रही थी जबकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लडऩे के पक्ष में है। यही गठबंधन टूटने की वजह बनी। जजपा के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी। दुष्यंत ने दिल्ली में अमित शाह से दोबारा मिलने का समय मांगा है। हालांकि ये मुलाकात होगी या नहीं, ये पक्का नहीं है। हरियाणा में जजपा से गठबंधन टूटा लेकिन बहुमत भाजपा के ही पास है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से भाजपा के पास खुद के 41 एमएलए हैं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का भी उसे समर्थन हासिल है यानी भाजपा के पास 48 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए।