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7 लाख बच्चें से वसूले 240 करोड़ 11 स्कूलों पर एफआईआर दर्ज

संचालक, प्राचार्य सहित 20 गिरफ्तार, 31 फरार, कुछ विदेश भागे
जबलपुर (जयलोक) शिक्षा को व्यवसाय बनाने का खेल सालों से शहर में चल रहा है। जिसमें अभिभावकों से स्कूल फीस और किताबों के नाम पर करोड़ों की अवैध वसूली की जा रही है। खास बात यह है कि इन स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन की टीम भी अब तक कार्रवाही करने से कतरा रही थी। लेकिन यह पहला मौका है जब कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश पर अब ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाही शुरू हो गई है। जाँच में जो खुलासे हुए हैं वे चौकानें वाले हैं महज 11 स्कूलों की जाँच में 81.30 करोड़ की अवैध वसूली के सबूत जिला प्रशासन को मिले हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन ने इन स्कूलों से जुड़े 51 लोगों पर मामला दर्ज कर कार्रवाही शुरू कर दी है। जिसमें 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है वहीं 31 लोग फरार हैं। इन स्कूलों के खिलाफ धारा 420 और एसबीएन कानून का उलंघन करने पर धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वर्षों से स्कूल संचालकों की चल रही मनमानी पर अब जिला प्रशासन का पहली बार चाबुक चल रहा है। फीस वृद्धि और किताबों के नाम पर जो अवैध वसूली की जा रही थी, उससे अब अभिभावकों को राहत मिलेगी। जिसका विश्वास कलेक्टर ने खुद दिलाया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पत्रकारवार्ता में बताया कि शहर में संचालित स्कूलों में फीस वृद्धि और कॉपी किताबों के नाम पर करोड़ों का व्यापार चल रहा है। इस व्यापार में जहाँ कॉपी किताब दुकान संचालक और स्कूल संचालकों की जेबें भर रहीं हैं तो वहीं अभिभावकों पर अतिरिक्त फीस का बोझ बढ़ रहा है तो बच्चों के कंधों पर किताबों का बोझ बढ़ रहा है। जिसका खुलासा शहर में चल रहे 11 स्कूलों की जाँच में हुआ है। शहर के प्रतिष्ठित वर्षों से संचालित हो रहे इन 11 स्कूलों में मनमानी फीस के नाम पर करोड़ों की वसूली की गई। वहीं कॉपी किताबों के नाम पर भी लूट का खेल खेला गया। जिन निजी स्कूलों पर कार्रवाही की गई है उनमें पढऩे वाले छात्रों की संख्या 21 हजार है।
शहर में संचालित हो रहे 1037 निजी स्कूल
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि यह चौकाने वाली बात है कि महज 11 स्कूलों में 81 करोड़ 30 लाख की अवैध वसूली का खुलासा है। जबकि शहर में 1037 निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि लूट का खेल करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में चल रहा है।
निजी स्कूलों को सख्त हिदायत
कलेक्टर ने पत्रकारवार्ता में निजी स्कूलों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि प्रशासन अपनी जाँच शुरू करे उसके पहले निजी स्कूल संचालक खुद अपनी ऑडिट रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दें। ताकि इसके साथ ही जिन निजी स्कूलों ने जिला प्रशासन को बिना बताए फीस वृद्धि की है उन अभिभावकों की भी फीस वापस लौटा दें। अगर जिला प्रशासन अपने स्तर पर जांच करता है और जाँच में फीस या कॉपी किताब के नाम पर अवैध वसूली की बात सामने आती है तो उन स्कूल संचालकों और उनसे जुड़े मुख्य लोगों के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी।
7 लाख बच्चों से 240 करोड़ की फीस वसूली
कलेक्टर ने फीस वसूली के नाम पर चल रही लूट के इस धंधे को उजागर करते हुए कहा कि हमने महज 60 प्रतिशत फीस वसूली का अंदाजा लगाया जिसमें यह बात सामने आई कि शहर में संचालित हो रहे स्कूलों ने दो से तीन साल में ही सात लाख बच्चों से 240 करोड़ रूपये फीस के नाम पर अतिरिक्त राशि ली है।
11 स्कूलों ने नोटिस को हल्के में लिया
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि जिन 11 स्कूलों पर कार्रवाही की गई है उन स्कूलों को पहले नोटिस जारी किया गया था। खुली सुनवाई में उन्हें अपना पक्ष भी रखने को मौका दिया। लेकिन इसके बाद भी ये 11 स्कूल नोटिस को नजरअंदाज कर इसका जवाब नहीं दे रहे थे। जिसके बाद जिला प्रशासन ने अपनी कार्रवाही शुरू की और जहां इन स्कूलों के 51 लोगों पर मामला दर्ज किया गया तो वहीं इन पर जुर्माना भी लगाया गया है।
बढ़ी हुई फीस दिलाई वापस
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि 1 अप्रेल से हमने निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाही करने की बात कही थी जिसके बाद एक अपे्रल से ही उनके पास निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत आनी शुरू हो गई। जिन स्कूलों ने अतिरिक्त फीस बढ़ाई उनको आदेशित करते हुए बढ़ी हुई फीस अभिभावकों को वापस दिलाई। इसके अलावा कॉपी किताबों के नाम पर चल रहे इस खेल पर भी लगाम लगाया गया।
फर्जी निकली किताबें
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि हमने जब जाँच की तो पता चला कि निजी स्कूल संचालकों ने कॉपी किताब के नाम पर भी अवैध वसूली की। इसमें अभिभावकों को ऐसी किताबें खरीदने के लिए भी दबाव बनाया गया जिसकी जरूरत हीं नहीं थी। वहीं अधिकांश किताबें तो ऐसी थी कि जिनका आईएसबीएन नंबर नहीं था जो फर्जी थीं। ये किताबें स्कूलों संचालकों ने खुद ही प्रकाशक के साथ मिलकर छपवाई और मानमाने दाम में अभिभावकों को दी गईं।
ऑडिट रिपोर्ट में की गड़बड़ी
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि जिन 11 स्कूलों ने ऑडिट रिपोर्ट पेश की उसमें भी गड़बड़ी पाई गई है। जिनके बाद इन्हें नोटिस भी जारी किया लेकिन नोटिस में ये जवाब नहीं दे पाए।
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाही
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि हमारी यह कार्रवाही आगे भी जारी रहेगी। लेकिन उन्होंने निजी स्कूल संचालकों से कहा कि ऑडिट रिपोर्ट पेश कर अपने आय व्यय और लाभ का पूरा लेखा जोखा प्रशासन को दें। इसके बिना वे फीस वृद्धि नहीं कर सकते हैं। अगर उन्होंने फीस वृद्धि की तो कार्रवाही की जाएगी।
कार्रवाही से पीछे हट रहे थे अधिकारी
कलेक्टर श्री सक्सेना ने इस बात को भी स्वीकार किया कि जिन 11 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाही की गई है। इनके खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें आई थी। लेकिन कुछ ऐसी वजह थी कि पूर्व में अधिकारी इन पर कार्रवाही नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने तो यहां तक कहा कि इन स्कूलों के अंदर तक जाने की अनुमति अधिकारियों को नहीं मिल रही थी। लेकिन अब अधिकारियों को बिना डर के ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाही करने के लिए आदेश दिया गया है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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