Download Our App

Home » अपराध » 19 गए जेल, 30 फरार कई और जद में आएंगे

19 गए जेल, 30 फरार कई और जद में आएंगे

जबलपुर (जयलोक )
75 स्कूलों की जाँच कर रहे जिला प्रशासन ने प्रारंभिक चरण में 11 स्कूलों की जाँच की। इस जाँच में यह पाया गया कि इन स्कूलों ने 81 करोड़ 30 लाख रुपए अभिभावकों से अधिक वसूल कर लिए हैं। इन स्कूलों के खिलाफ  एफआईआर दर्ज हुई जिसमें 51 लोगों को आरोपी बनाया गया जिनमें से 19 लोग जेल में हैं, 30 लोग फरार हैं, दो लोग रिमांड पर हैं। जिनकी रिमांड बढ़ी है उनमें न्यू राधिका बुक के संचालक श्री राम इंदुरखिया और अशोक इंदुरखिया को गोरा बाजार पुलिस के हवाले किया गया है जहां इनसे पूछताछ हो रही है। इस मामले में 30 आरोपी अभी फरार हैं जिनमें से कुछ बड़े स्कूलों के संचालक विदेश भाग गए हैं। दिल्ली मेरठ आगरा के कुछ प्रकाशक भी आरोपियों की सूची में शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस जल्द सख्त कदम उठाएगी। प्रकरणों की जाँच जारी है और परत दर परत नए-नए तथ्य और खुलासे हो रहे हैं। अभी और भी आरोपी जाँच के दायरे में आ सकते हैं।
न्यायालय ने व्यक्त की नाराजगी
शिक्षा माफिया और फर्जी किताबें अधिक फीस वसूली के प्रकरण में आरोपियों को सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश शशि भूषण शर्मा की अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मामले की गंभीरता पर न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अवैध फीस वसूली और फर्जी पुस्तकों का पाठ्यक्रम में उपयोग कर घोटाला किया जाना और मुनाफाखोरी करना बेहद ही गंभीर प्रकृति का प्रकरण है। आरोपी मदन महल के रहने वाले चंद्रशेखर विश्वकर्मा ने अपने साथी अभियुक्तों के साथ मिलीभगत कर छात्रों और अभिभावकों से अवैध रूप से धोखाधड़ी कर फीस वसूली, पाठ्य पुस्तक और स्टेशनरी के मामले में भी मिली भगत कर मुनाफाखोरी की गई कमीशन खोरी के इस खेल से अभिभावकों को लूटा गया। यह गंभीर आपराधिक षडयंत्र की श्रेणी का मामला है। पुलिस इसमें साक्ष्य एकत्रित कर रही है यह कार्य अभी शेष है इसलिए इन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अरविंद जैन ने पक्ष रखा।
कैदियों को पढ़ाएंगे अंग्रेजी
इस घोटाले के आरोपी बनाए गए 19 लोग जेल में हैं इनमें से कुछ शिक्षक जेल के अंदर केवल अंग्रेजी में बोल रहे हैं जिसके कारण लंबरदार और प्रहरियों को दिक्कत हो रही थी। विशेष कर महिला शिक्षक भी अंग्रेजी में बात कर रही थीं। इसके बाद जेल अधिकारियों ने पहुँचकर महिला आरोपियों से चर्चा की और उन्हें अन्य महिला कैदियों को अंग्रेजी भाषा पढ़ाने के लिए कहा है।
सजा वाले कैदियों से रख रहे अलग
जेलर मदन कमलेश ने बताया कि शिक्षा माफिया कार्रवाही के तहत जिन 19 लोगों को जेल भेजा गया है उनमें महिला आरोपियों को जेल की महिलाओं को अंगे्रजी पढ़ाने कार्य दिया गया है।
महिला आरोपियों को जो कार्य दिया गया है वह उनकी स्वेच्छा अनुसार है। क्योंकि जेल में कार्य उन कैदियों को दिया जाता है जिन्हें सजा हो चुकी हो। इसके साथ ही जो पुरूष आरोपी हैं उन्हें कोई कार्य नहीं दिया गया है। ऐसे पुरूष कैदियों को अन्य कैदियों से भी अलग रखा गया है ताकि कैदी इन्हें परेशान ना कर सकें।
यह 19 लोग हैं जेल में
क्राइस्ट चर्च स्कूलों के चेयरमैन अजय उमेश जेम्स, क्राइस्ट चचा फॉर ब्वायज एंड गल्र्स के प्राचार्य शाजी थॉमस, क्राइस्ट चर्च फॉर ब्वायज सीनियर सेकंडरी स्कूल सिविल लाइन की प्राचार्य एलएम साठे, सदस्य अतुल अनुपम इब्राहिम और एकता पीटर, क्राइस्ट चर्च डायसेशन स्कूल सीएमएम कंपाउंड के मैनेजर  ललित सालोमन, सेंट अलॉयसिस रिमझा के वाइस चैयरमैन इब्राहिम ताज, ज्ञानगंगा आर्किड इंटरनेशन स्कूल के सचिव भरतेश भारिल, प्राचार्य दीपाली तिवारी, क्राइस्ट चर्च सालीवाड़ा के प्राचार्य क्षितिज जैकब और मैनेजर नीलेश सिंह, चिल्ड्रन बुक डिपो के संचालक शशांक श्रीवास्तव, सूर्यप्रकाश वर्मा, श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल धनवंतरी नगर के एडवाइजर चंद्रशेखर विश्वकर्मा, डायरेक्टर भूपना सीमा और सुषमाश्री समेत लिटिल वल्र्ड की सीईओ चित्रांगी अय्यर, मैनेजर सुबोध नेमा और प्राचार्य परिधि भार्गव जेल में हैं।
बच्चों के लिए बनाए गए नि:शुल्क प्ले जोन का हो रहा खुलेआम व्यवसायिक उपयोग
शहर की शैक्षणिक संस्थाएं किस प्रकार से केवल पैसे की उगाही करने में लगी हुई हैं इसका एक और उदाहरण जिला प्रशासन के समक्ष आया है। जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार स्कूलों में बने प्ले जोन का व्यवसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता है। यह स्कूल के बच्चों के लिए होते हैं इसकी कोई फीस या शुल्क निर्धारित नहीं होता है। इस प्रकार के कृत्य नियम विरुद्ध हैं जिन पर कार्यवाही की जाएगी। शहर में ऐसी कई शैक्षणिक संस्थाएं हैं जो गर्मियों की छुट्टी में स्कूल के प्ले जॉन और अन्य साधन संसाधनों का खुलेआम व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। अभिभावकों को खुलकर इसकी शिकायत प्रशासन के समक्ष करना चाहिए ताकि प्रशासन नियम अनुसार कार्यवाही कर सके।कई स्कूल स्विमिंग पूल, बास्केट बॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट और छोटे बच्चों के लिए अपने प्रांगण में बनाए गए प्ले जोन को अपने स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की सुविधाओं के लिए दर्शाते हैं।  लेकिन स्कूल बंद होने पर इन्हें किराए पर दे दिया जाता है ताकि नि:शुल्क दर्शाई जाने वाली इन चीजों का व्यवसायिक उपयोग नियम विरुद्ध तरीके से किया जा सके। 500 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक की फीस वसूली की जा रही है। हालांकि यह अभिभावकों के सामने वैकल्पिक व्यवस्था है कि उन्हें यह सुविधा लेनी है कि नहीं लेकिन अधिकांश स्थान पर प्रशासन को धोखे में रखकर करों की चोरी के साथ यह कृत्य किया जा रहा है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Home » अपराध » 19 गए जेल, 30 फरार कई और जद में आएंगे
best news portal development company in india

Top Headlines

Live Cricket