सकारात्मक निर्णय की स्थिति में ही प्रोजेक्ट बनाने का कार्य प्रारंभ किया जायेगा – कलेक्टर
जबलपुर (जयलोक)
रिडेंसिफिकेशन योजना के तहत शासकीय दृष्टि बाधित उमावि के उन्नयन के लिये तैयार किये जा रहे प्रोजेक्ट के संबंध में विद्यार्थियों के विरोध को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा स्कूल में जाकर विद्यार्थियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई और उन्हें प्रोजेक्ट के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। कलेक्टर ने बताया कि अभी प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं हुआ है। प्रोजेक्ट तैयार करने की कार्रवाई प्राथमिक चरण में है। प्रश्नगत भूमि से 38 करोड़ की आय आंकलित की गई है। उपयुक्त भूमि मिलने पर उक्त आय से दृष्टि बाधित, मूक बधिर और मानसिक विकलांग विद्यालयों के उन्नयन हेतु डीपीआर तैयार की जायेगी। जिसमें आधुनिक क्लास रूम, सर्व सुविधा युक्त होस्टल, आडिटोरियम, खेल मैदान, स्टाफ क्वार्टर आदि की व्यवस्था होगी। कलेक्टर ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि जब तक सकारात्मक वातावरण निर्मित नहीं होगा तब तक प्रोजेक्ट बनाने का काम प्रारंभ नहीं किया जायेग। कलेक्टर श्री सक्सेना ने विद्यार्थियों और स्टाफ को कहा कि वह आगामी दीपावली तक सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें। सकारात्मक निर्णय की स्थिति में ही प्रोजेक्ट बनाने का कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
आज छात्र करने वाले थे प्रदर्शन
शाला को निजी हाथों में सौंपकर शॉपिंग मॉल बनाए जाने की खबर को लेकर दृष्टि बाधित दिव्यांगों द्वारा आज भेड़ाघाट बायपास स्थित स्कूल से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालने की तैयारी थी। दृष्टिबाधित छात्रों का कहना था कि जबलपुर में भेड़ाघाट बायपास स्थित दृष्टिबाधित दिव्यांगों के लिए सरकारी स्कूल सन 1973 से संचालित है। उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि स्कूल की जगह को निजी हाथों में देकर शॉपिंग मॉल बनाने की योजना है। जिससे सभी छात्रों में आक्रोश व्याप्त हैं।