3 ठेकेदारों पर फिर लगा जुर्माना
जबलपुर (जय लोक)
शहर की सफाई व्यवस्था लगातार चरमरा रही है। नगर निगम की चरमराई सफाई व्यवस्था को वापस पटरी पर लाना इसलिए भी कठिन है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और निगरानी करने वाले लोगों से लेकर पार्षदों और सफाई समिति के ठेकेदारों तक सबके मुँह में भ्रष्टाचार का खून लग चुका है।
हर वार्ड में सफाई कर्मचारियों की कम उपस्थिति को ज्यादा बताकर प्रतिदिन के हिसाब से राशि निकालकर आपस में खा जाने का खेल जमकर चल रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल में हर वह व्यक्ति शामिल है जो स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था की प्रक्रिया में अपना रोल अदा कर रहा है। महापौर और नगर निगम आयुक्त के लिए इस भ्रष्टाचार के खेल को रोकना बड़ी चुनौती है।
अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले ही नगर निगम आयुक्त श्रीमति प्रीति यादव ने सफाई समिति के ठेकेदारों द्वारा सफाई ठेके में लगे कर्मचारियों की हाजिरी को लेकर किये जा रहे खेल को पकड़ लिया था और 27-28 जनवरी को आयुक्त श्रीमती प्रीति यादव द्वारा निरीक्षण और पर्यवेक्षण के दौरान यह पाया गया था कि सफाई समितियों द्वारा अनुबंध के अनुरूप सफाई संरक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं की जा रही है जबकि उनके मद की राशि फर्जी हाजरी लगाकर निकालने की शिकायत भी सामने आई थी। इसके बाद आयुक्त प्रीति यादव ने नगर निगम को चूना लगाने वाले और काम चोरी करने वाली सफाई समितियां पर दंडात्मक कार्यवाही की थी। उस वक्त भी बर्फानी सिक्योरिटी सर्विस का नाम घोटालेबाजी में सबसे ऊपर आया था। बर्फानी सिक्योरिटी सर्विस रितेश टंडन की कंपनी है और उस वक्त भी 5.50 लाख रुपए का जुर्माना इस कंपनी पर अधिरोपित किया गया था। इसके अलावा आर. प्रियांशी एंड कंपनी पर 4 लाख से अधिक, अल्ट्रा क्लीन एंड केयर सर्विस पर 2 लाख से अधिक, माँ नर्मदा सफाई संरक्षक पर डेढ़ लाख के करीब जुर्माना लगाया गया था।
अब आयुक्त ने फिर लगाया जुर्माना
इन सफाई समितियों के ठेकेदारों को जुर्माना लगाने और स्पष्ट समझाइश देने के बाद भी कार्य प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद आयुक्त प्रीति यादव ने एक बार फिर से तीन सफाई ठेकेदारों पर 7 लाख 9 हजार 551 रुपए का जुर्माना लगाया है। इस बार आर. प्रियांशी कंपनी एंड फैसिलिटी ने घोटालेबाजी में बर्फानी सिक्योरिटी सर्विस को पीछे छोड़ दिया है। उस पर 4,17,828 रूपयों का जुर्माना लगाया गया है तो वहीं बर्फानी सिक्योरिटी सर्विस पर 2,76,590 का जुर्माना लगाया गया है। तीसरी कंपनी अल्ट्रा क्लीन एंड केयर सर्विस पर 15,133 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
हाजिरी का खेल इतना बड़ा बन चुका है कि इसमें स्वास्थ्य विभाग और सफाई विभाग से जुड़े हुए बहुत सारे खिलाड़ी शामिल हो गए हैं। ठेकेदारों की सेटिंग, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के कमरे से होती हुई वार्ड में मौजूद रहने वाले पार्षद और सुपरवाइजर सभी तक पहुँचने का एक क्रम बन चुकी है। इस क्रम के टूटे बिना जबलपुर कभी भी स्वच्छता में अपने मानक स्थापित नहीं कर पाएगा। ना ही नगर निगम के खजाने में मची लूट खसोट को रोका जा सकेगा।
एक सप्ताह की निगरानी में सामने आए घोटाले-संभव अयाची
अभी हाल ही में स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे स्वास्थ्य प्रभारी बने संभव अयाची ने जय लोक को बताया कि आयुक्त के निर्देशानुसार 1 मार्च से 7 मार्च तक शहर की सफाई व्यवस्था में लगाए गए सफाई संरक्षकों की उपस्थिति एवं अन्य बिंदुओं पर मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट तैयार की गई। जिसके आधार पर संबंधित सफाई समितियों की अनियमितताएं पाए जाने पर जुर्माना लगाया गया है। भविष्य में भी सफाई समितियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, अनियमिताएं पाई जाने पर अनुबंध के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।