Download Our App

Home » अपराध » सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को लगाई फटकार कहा– हम अंधे नहीं हैं

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को लगाई फटकार कहा– हम अंधे नहीं हैं

नई दिल्ली
योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने अपने उत्पादों को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली कंपनी द्वारा जारी विज्ञापनों पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी। इस पर शीर्ष अदालत ने जमकर फटकार लगाई। कहा कि हम अंधे नहीं हैं। हम माफीनामा स्वीकार करने से इनकार करते हैं। वहीं, यह भी कहा कि वह केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने कहा, माफी केवल कागज पर है। हम इसे स्वीकार करने से इनकार करते हैं, हम इसे जानबूझकर आदेश का उल्लंघन मानते हैं। सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने कहा, जब तक मामला अदालत में नहीं आया, अवमाननाकर्ताओं ने हमें हलफनामे भेजना उचित नहीं समझा। उन्होंने इसे पहले मीडिया को भेजा, कल शाम साढ़े सात बजे तक यह हमारे लिए अपलोड नहीं किया गया था। वे रामदेव और बालकृष्ण स्पष्ट रूप से प्रचार में विश्वास करते हैं।
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष योग गुरु बाबा रामदेव का हलफनामा पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं।
उत्तराखंड सरकार को भी फटकार
पंतजलि आयुर्वेद के मामले में उत्तराखंड सरकार पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। पीठ ने यह भी कहा कि उत्तराखंड सरकार इसे ऐसे नहीं जाने दे सकती है। सभी शिकायतों को सरकार को भेज दिया गया। लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर चुप रहा, अधिकारी की कोई रिपोर्ट नहीं आई। संबंधित अधिकारियों को अभी निलंबित किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वे कहते हैं कि विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से जोड़े रखना था जैसे कि वे आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आने वाले दुनिया के पहले लोग हैं।
रामदेव के वकील ने कही यह बात
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे सार्वजनिक रूप से माफी मांग सकते हैं। रोहतगी ने कहा कि पहले के हलफनामे वापस ले लिए गए हैं और उनकी ओर से हुई चूक के लिए बिना शर्त माफी मांगने के लिए नए हलफनामे दायर किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश लिखवाते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने एक विस्तृत हलफनामा दायर किया है जिसमें आपत्तिजनक विज्ञापनों के संबंध में की गई कार्रवाई को स्पष्ट करने की कोशिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम हैरान हैं कि फाइल आगे बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया गया है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Home » अपराध » सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को लगाई फटकार कहा– हम अंधे नहीं हैं
best news portal development company in india

Top Headlines

नए नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर से सुनिए बेबाक सवाल …जो एकता भाजपा के मंच पर दिखती है क्या वो दिलों में है…इंटरव्यू के कुछ प्रमुख अंश

भाजपा के नए अध्यक्ष रत्नेश सोनकर से बेबाक सवाल कल गुरुवार 6 फरवरी को शाम 5:00 बजे प्रसारित होगा पूरा

Live Cricket