बरसों से पीने के पानी के लिए तरस रहा रांझी
नगर निगम योजना के तहत उठा रहा कई कदम
जबलपुर (जयलोक)। शहर का उपनगरीय क्षेत्र रांझी कई बरसों से पीने की पानी की समस्या से जूझता आ रहा है और पेयजल के लिए तरसता आ रहा है। अभी भी इस क्षेत्र में पीने के पानी को व्यवस्थित रूप से पहुंचाने की दिशा में बहुत अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। इस पूरे क्षेत्र में सैन्य क्षेत्र से लगे हुए बड़े कारखाने, बड़ी फैक्ट्रियाँ मौजूद है और इस क्षेत्र में अधिकांश लोग सुरक्षा इकाइयों में काम करने वाले और कई सेवानिवृत होने के बाद ही बसे हैं। यह क्षेत्र पुरानी बसाहट वाला है। बहुत से क्षेत्र पहाड़ी वाले ऊपर नीचे, ढलान वाले हैं। इस वजह से भी पेयजल व्यवस्था को व्यवस्थित करना बड़ी चुनौती का कार्य माना जाता है। वर्तमान में जरूर मानेगांव, रांझी, खमरिया उमरिया, वाले क्षेत्र पानी के लिए तरस जाते हैं। लेकिन भविष्य में इस स्थिति को समाप्त करने के लिए नगर निगम की ओर से व्यापक कदम उठाने जा रहे हैं।
नगर निगम के जल विभाग के अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने जयलोक से चर्चा करते हुए बताया कि रांझी, खमरिया, मानेगांव आदि क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सर्वप्रथम तो नए पंप लगाने का काम किया जा रहा है। जिससे पानी की बढ़ी हुई मांग की आपूर्ति के अनुसार कम समय में सप्लाई का काम सुनिश्चित हो सके। अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि इसके अलावा उमरिया में नहर से भी पानी का उपयोग करने के लिए लगाए गए पंपों को बदलकर नए नए पंप लगाये जा रहे हैं ताकि यहां से भी सीमित समय में पानी की पयाज़्प्त मात्रा में सप्लाई प्राप्त की जा सके। अमृत योजना के तहत मानेगांव क्षेत्र में बनाए गए ओवरहेड टैंक की सप्लाई से पेयजल की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है।
नया प्लांट भी प्रस्तावित
अमृत योजना फेज 2 का कार्य जब शुरू होगा तब रांझी क्षेत्र में 54 एमएलडी का नया प्लांट प्रस्तावित है। भविष्य में इस नए प्लांट के लग जाने के बाद न केवल रांझी क्षेत्र की पेयजल समस्या दूर हो जाएगी बल्कि यहां से शहर की ओर भी पानी की सप्लाई की जा सकेगी।
वर्तमान में तकनीकी कारण से होने वाली परेशानियों के कारण ही पेयजल व्यवस्था में अवरोध पैदा होता है जिसे जल्द से जल्द सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कभी मेंटेनेंस और अन्य जरूरी कार्यों को पूरा करने के लिए शटडाउन लेना पड़ता है अन्यथा प्रयास रहता है कि पेयजल आपूर्ति की यथावत बनी रहे।