जबलपुर (जयलोक)
जबलपुर संभाग में पिछले वर्ष हुए पिछले वर्ष हुए नगर निगम के चुनाव में जबलपुर संभाग के जबलपुर नगर निगम और छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस के महापौर सीधे मतदाताओं द्वारा चुने गए थे। अब इन दोनों ही नगर निगमों से कांग्रेस का सफाया हो गया है। दोनों ही नगर निगमों के महापौर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। प्रदेश के कांग्रेस के पांच महापौर निर्वाचित हुए थे जिनमें से जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने दलबदल कर भाजपा में शामिल होने की शुरुआत प्रदेश में सबसे पहले की। उनने कांग्रेस को छोडक़र भाजपा में शामिल होने की जो शुरुआत की तो अब जबलपुर के बाद जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर विक्रम अहाके भी कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जबलपुर छिंदवाड़ा के साथ की कटनी में भाजपा की बागी महापौर प्रीति सूरी निर्दलीय महापौर के रूप में चुनी गई थीं वह भी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं ।
पिछले ढाई महीनों से कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की जो लाइन लगी उसमें महापौर के रूप में प्रदेश में सबसे पहले जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कांग्रेस को छोड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी में महापौरों के शामिल होने की शुरुआत कर दी। यह उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के कुछ और शहरों के महापौर भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। दल बदल का यह असर हुआ है कि प्रदेश में भाजपा के महापौरों की संख्या अब 9 से बढक़र 12 तक पहुंच गई है।
जबलपुर संभाग की तीन नगर निगम जबलपुर, छिंदवाड़ा और कटनी नगर निगम में भाजपा के महापौर पद के उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा था। तीनों नगर निगम में भाजपा की हार को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में बेचैनी भी रही और टीस भी रही। कांग्रेस के जबलपुर और छिंदवाड़ा के महापौर और कटनी की निर्दलीय महापौर ने भाजपा में शामिल होकर भाजपा की हार की टीस को खत्म कर दिया और जबलपुर संभाग की तीनों नगर निगमों को अब भाजपामय बना दिया।