जबलपुर (जयलोक)
जिले की सिहोरा तहसील के अंतर्गत सिहोरा, खितौला, मझगवां, गोसलपुर में सक्रिय खनन माफियाओं की करतूत के कारण विगत दिवस तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। रेत की यह खदान पूरी तरह से अवैध तरीके से संचालित हो रही थी और पैसे के लालच में आसपास के ग्राम के लोगों से यहां खुदाई करवाई जा रही थी। जब रेत एकत्रित हो जाती थी तो ट्रैक्टर ट्राली में भरकर इसे वहां से उठा लिया जाता था। अब इस पूरे मामले में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जिस अवैध खदान में हादसा हुआ वहाँ पर किसी अंकित तिवारी का नाम ग्रामीणों ने सार्वजनिक तौर पर लिया है जिसकी टे्रक्टर ट्रॉली वहाँ से रेत ढोने का काम करती थी। मीडिया को दी गई बाइट एक महिला जो अपने परिजनों को इस हादसे में खो चुकी है, उसने बताया कि 300 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी में गांव के लोग उस अवैध खदान में काम करने जाते थे। इसके बाद अंकित तिवारी की ट्रैक्टर ट्रॉली आकर एकत्रित रेत को ले जाती थी। सूत्रों के अनुसार अंकित तिवारी भाजपा का स्थानीय पदाधिकारी है और उसी का नाम इस पूरे मामले से जुड़ रहा है। सामने आए इन तथ्यों में कितनी सच्चाई है यह पुलिस और प्रशासन की जाँच में स्पष्ट हो जाएगा। फिलहाल इन नए आरोपों के कारण मामला और गर्मा गया है। यह आरोप भी लगे हैं कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण लंबे समय से इस अवैध खदान को बिना रोकटोक के संचालित किया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि खुद को कुछ लोग विधायक का करीबी बताकर पुलिस पर रौब झाडऩा, पुलिस से उलझ जाना, आम जनों के बीच में दबंगई बताना और खुलेआम अवैध रूप से खनन करने काम करते आ रहे हैं। इन सारी बातों की जानकारी पुलिस के समक्ष भी आ चुकी है। जो वीडियो और बयान पुलिस के सामने आए हैं।
इन सभी बिंदुओं को पुलिस ने जाँच में शामिल किया है। पुलिस का कहना है कि जो भी तथ्य जाँच में सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अभी पुलिस मर्ग कायम कर कई बिंदुओं पर जाँच कर रही है। जाँच के बाद अगर अवैध खदान का संचालन पाया जाता है तो मामले में दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा।
अंकित की ट्रैक्टर ट्राली ही यहां से रेत उठाने का काम करती थी और लंबे समय से वह यह काम करवा रहा है। मंदिर के नाम से 5 सालों से अवैध रूप से रेत निकालने का काम किया जा रहा है। गांव वालों को 300 रुपए मजदूरी का लालच देकर उनसे रेत निकलवाई जाती है। यह काम पिछले 5 सालों से चल रहा है और यह नहीं कहा जा सकता कि क्षेत्र के पटवारी, आरआई, तहसीलदार, एसडीएम, थाना प्रभारी को इसकी जानकारी ना हो। अगर ऐसा है कि उन्हें जानकारी नहीं है तो इसका मतलब भी साफ है कि वह अपना काम नहीं कर रहे हैं और शासन की संपत्ति की चोरी होने से नहीं रोक पा रहे हैं। या फिर सफेदपोश भू माफिया से साठगांठ हो चुकी है या उसके दबाव में यह कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह बात भी स्पष्ट है कि 5 सालों से अवैध खुदाई के कारण यह रेत खदान जानलेवा स्थिति में पहुँच चुकी थी और इसका किसी को अनुमान नहीं हुआ। जिस मंदिर के नाम पर 5 सालों से रेत निकालने का काम किया जा रहा था। वह मंदिर आज तक नहीं बन पाया। बल्कि समीप एक पेड़ के नीचे शिवलिंग रखकर उसे ही इस मामले से जोड़ दिया गया। सुबह 7 से शाम 5 तक खुलेआम इस अवैध रेत खदान से, रेत निकालने का काम होता था, लेकिन प्रशासन के किसी भी जिम्मेदार विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। खनिज विभाग का बहुत बड़ा फैलियर इस पूरे मामले में नजर आ रहा है।
इस तथ्य को भी शामिल करेंगे जाँच में – एसडीओपी शर्मा
सिहोरा एसडीओपी सुश्री पारुल शर्मा ने इस विषय पर चर्चा करते हुए जय लोक से कहा कि अगर इस प्रकार की जानकारी पुलिस के समक्ष आएगी तो इसे जांच बिंदु में शामिल कर इसकी भी जाँच की जाएगी। अभी तक लोगों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए रेत निकालने की बात कही गई है। अगर मामला अवैध उत्खनन से जुड़ा होना पाया जाता है या किसी की संलिप्तता प्रमाणित होती है तो उसके खिलाफ भी निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी।
5 साल से मंदिर के नाम पर चल रहा अवैध उत्खनन
मृतक के कई रिश्तेदारों ने बताया कि पिछले 5 सालों से मंदिर के नाम पर इस स्थान पर लगातार रेत अवैध रूप से खोदने का काम चल रहा है। सिर्फ बारिश के दिनों में ही यह काम रुकता है। महिला श्रीमती वंशकार ने अवैध खनन करवाने वाले ट्रेक्टर ट्रॉली भेजने वाले अंकित तिवारी का नाम लिया है।
