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आरक्षण पर छिड़ी जंग किसे होगी फायदेमंद

संदर्भ : आरक्षण पर छिड़ा विवाद

(जय लोक)। लोकसभा के लिए होने जा रहे चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इन दो चरणों तक चुनाव बेहद नीरस और मुद्दे विहीन रहा है। अब जब पाँच चरण बाकी रह गए हैं और तीसरे चरण का मतदान बहुत शीघ्र होने जा रहा है इसके पहले आरक्षण के मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों में जंग छिड़ गई है। आरक्षण के मुद्दे से चुनावी माहौल लगातार गर्म हो रहा है। आरक्षण चुनावी मुद्दा भी बन रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि आरक्षण का मुद्दा अब पूरे चुनाव तक छाया रह सकता है।
आरक्षण को लेकर विवाद की शुरुआत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने की। राहुल गांधी ने लगातार अपनी चुनावी सभाओं में यह कहना शुरू कर दिया है कि भाजपा के कई नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से स्पष्ट है कि उनका मकसद संविधान बदलकर देश का लोकतंत्र तबाह करने और दलित और पिछड़ों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करने का है। राहुल गांधी का कहना है कि संविधान एवं आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस बीजेपी की राह में खड़ी है जब तक कांग्रेस है वंचितों से कोई आरक्षण छीन नहीं सकता है। आरक्षण को लेकर राहुल गांधी इतने हमलावर हो गए हैं कि वह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दोनों को ही आरक्षण विरोधी बताने में लगे हुए हैं। राहुल गांधी का यह कहना है कि आरएसएस और भाजपा संविधान को खत्म करना चाहते हैं। आरएसएस प्रमुख आज कह रहे हैं कि वह आरक्षण के खिलाफ  नहीं हैं लेकिन उन्होंने पहले ही कहा था कि वह आरक्षण का विरोध करते हैं। आज आरक्षण विरोधी सभी लोग एक के बाद एक भाजपा में जा रहे हैं। राहुल कहते हैं कि आज दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है एक तरफ  कांग्रेस कहती है कि हर जगह की जो पहचान है, संस्कृति है, उसकी रक्षा हो दूसरी तरफ  भाजपा कहती है कि एक देश, एक भाषा और एक नेता।
राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर की जा रही बयान बाजी का यह नतीजा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को भी जवाब देने के लिए आगे आना पड़ा है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि आरक्षण को लेकर अब जंग आर पार की होने जा रही है। आरक्षण को लेकर वार और पलटवार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मोदी और राहुल गांधी हर दिन आरक्षण को लेकर अपनी बात कहते नजर आ रहे हैं।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कह दिया है कि जब तक मोदी है धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं होने दिया जाएगा। मोदी कहते हैं कि कर्नाटक में मुसलमान को ओबीसी श्रेणी में डालकर आरक्षण देने के मॉडल का यह प्रमाण है कि कांग्रेस देश के संविधान की मूल भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है। उसकी इस कोशिश को मोदी जीते जी पूरी नहीं होने देगा। प्रधानमंत्री यह भी कहते हैं कि देश को बांटने वाले लोग अब धर्म के आधार पर एससी, एसटी और ओबीसी को संसद और संविधान द्वारा मिले आरक्षण पर डाका डालकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को देने की योजना बना रहे हैं। कर्नाटक से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। चेतावनी भरे अंदाज में मोदी कहते हैं कि मोदी जब तक जिंदा है धर्म के आधार पर आरक्षण लागू करने की कोशिश और संविधान  बदलने वालों की कोशिश पूरी नहीं हो पाएगी मोदी ऐसा कभी नहीं होने देगा, लिखकर रखना और जो लोग मंसूबे रखते हैं उन्हें देश हमेशा के लिए राजनीति के नक्शे से मिटा देगा। आरक्षण को लेकर कब लड़ाई इस स्तर पर पहुँच गई है कि जाति धर्म और आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के फर्जी वीडियो बनाए जा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो तो खुद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने जारी किया है। आरक्षण को लेकर अमित शाह कहते हैं कि विपक्षी आरक्षण को लेकर नकली वीडियो के माध्यम से उनके मुंह से गलत बात कहलाना चाहते हैं। गृहमंत्री कह रहे हैं कि डीप फेक वीडियो इस बात का प्रमाण है कि विपक्ष जनाधार खो चुका है। आरएसएस प्रमुख भी अपने फर्जी वीडियो को लेकर खुद स्पष्टीकरण देने आगे आए। मोहन भागवत ने कहा कि संघ ने कभी आरक्षण का विरोध नहीं किया जब तक जरूरत है आरक्षण जारी रहेगा जो वीडियो जारी हुआ है वह पूरी तरह से झूठ है। वीडियो की सत्यता की जाँच तो हो ही रही है लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि आरक्षण को लेकर जो चुनावी जंग छिड़ी है यह जंग किसके हक में रहेगी। आरक्षण के लाभार्थियों के हाथ में सत्ता की चाबी है। ओबीसी, एससी, एसटी वोट चुनाव जीतने की शत प्रतिशत गारंटी हैं। राहुल गांधी के साथ ही विपक्ष के नेता अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी यह कह रहे हैं कि भाजपा सत्ता में आती है तो आरक्षण खत्म कर देगी।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह भी कह रहे हैं कि संविधान बनाने वाले बाबा साहब अंबेडकर खुद भी आरक्षण समाप्त नहीं कर सकते हैं। मोदी और अमित शाह यह आश्वस्त कर रहे हैं कि आरक्षण जारी है और आगे भी जारी रहेगा और इसे कोई ताकत खत्म नहीं कर सकती है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आरक्षण को लेकर आर-पार की लड़ाई का जो रण सज गया है इसके समीकरण आखिर किसके हक में जायेंगे।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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