उड्डयन मंत्री सिंधिया और मंत्री राकेश सिंह की
घोषणा के बाद बदले समीकरण
जबलपुर (जय लोक)
वायु सेवा और नियमित उड़ानों के मामले में जबलपुर की लगातार हो रही उपेक्षा का मामला सर्व विदित है। शहर के कुछ लोगों ने वायु सेवा संघर्ष समिति का गठन कर इस मामले को उठाया। जबलपुर के हक की आवाज को सही मंच पर पहुँचाने के लिए इस समिति ने अपनी सक्रियता भी बढ़ाई। लेकिन आगे चलकर वायु सेवा संघर्ष अभियान पर कांग्रेसी नेताओं का कब्जा हो गया और एक प्रकार से वे इस अभियान पर हावी हो गए। दूसरी ओर जबलपुर के हक की बात करते हुए पूर्व सांसद और कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने इस मुद्दे पर मोर्चा संभाल लिया। मंत्री श्री सिंह ने केंद्र सरकार के उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी इस बारे में चर्चा की और सभी बिंदुओं को उनके समक्ष रखा। इसके अलावा मंत्री राकेश ङ्क्षसह ने स्पाइसजेट और इंडिगो बड़ी निजी विमान कंपनियों के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और प्रतिनिधियों को अपने दिल्ली आवास पर आमंत्रित कर बिंदुवार विस्तृत चर्चा की। जिसका परिणाम यह हुआ कि उड्डयन मंत्री तथा दोनों निजी विमान कंपनियों के प्रतिनिधियों ने जबलपुर से मुंबई दिल्ली व अन्य शहरों के लिए जल्द नियमित उड़ाने प्रारंभ करने का आश्वासन दिया। इस बैठक के कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने इस बात की घोषणा कर दी की 1 जुलाई से जबलपुर से मुंबई की नियमित उड़ान प्रारंभ होने जा रही है।
स्पाइसजेट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ने मंत्री राकेश सिंह को इस बात का आश्वासन दिया कि वे जल्द ही जबलपुर से दिल्ली-मुंबई तथा अन्य शहरों के लिए भी नियमित उड़ान के विकल्प पर काम करेंगे और आने वाले 3 महीनों के अंदर उड़ानों को प्रारंभ करने का प्रयास करेंगे। स्पाइसजेट के बहुत सारे विमान अभी ग्राउंडेड हंै, जिसके कारण वह नियमित उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। यह एक बड़ी वजह है जिसके कारण निजी विमान कंपनी स्पाइसजेट को जबलपुर से चल रही नियमित उड़ानों को बंद करना पड़ा। इंडिगो एयरलाइंस के भी कुछ विमान नियमित उड़ाने बंद कर चुके हैं। निजी विमान कंपनी इंडिगो सेबी अन्य शहरों के लिए जल्द नियमित उड़ानों को प्रारंभ करने की बातचीत मंत्री राकेश सिंह से लगातार कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने इसकी सूचना भी सार्वजनिक तौर पर सभी को दे दी है। विभिन्न शहरों के लिए नियमित उड़ानों के संबंध में जल्दी ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
भाजपा के केंद्रीय मंत्री और कैबिनेट मंत्री द्वारा की गई में घोषणा के बाद से वायु सेवा संघर्ष समिति अभियान से भाजपाइयों और भाजपा समर्थित लोगों ने दूरी बना ली और धैर्य के साथ सकारात्मक रूप से दिए गए समय की प्रतीक्षा करने की बात कहने लगे। वहीं वायु सेवा संघर्ष समिति के लोगों को कांग्रेस के नेताओं ने भरपूर समर्थन दिया और प्रदर्शन की घोषणा को पूर्ण करने के लिए हर प्रकार का सहयोग देते नजर आए। भाजपा के नेता यह स्पष्ट कह रहे हैं कि उड़ानों के मामले में जबलपुर के साथ हुए भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द पूर्व की भांति जबलपुर से अन्य बड़े शहरों की नियमित उड़ाने पुन: प्रारंभ होनी चाहिए। लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा की गई घोषणा के बाद भाजपा के लोग अब इस आंदोलन के पक्ष में नहीं थे। विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाने में कसर नहीं छोड़ी एवं कल के आंदोलन में इस अभियान का राजनीतिकरण स्पष्ट नजर आया।
बहुत से लोग हो गए वापस- वायु सेवा संघर्ष समिति ने जबलपुर के हर वर्ग से इस आंदोलन में सहयोग प्रदान करने की अपील की थी। जबलपुर के हक की बात को मद्देनजर रखते हुए बहुत से लोग इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आंदोलन स्थल पर पहुँचे भी थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को इस आंदोलन पर हावी होते हुए देखा तो भाजपाई मानसिकता वाले लोग और राजनीतिक ठप्पे से बचने तत्काल ही मौके से वापस हो गए।
नो फ्लाइंग डे का यात्रियों ने नहीं किया समर्थन- कल 6 जून को वायु सेवा संघर्ष समिति द्वारा नो फ्लाइंग डे का आवाहन किया गया था। इसे लेकर काफी माहौल बनाने का प्रयास भी किया गया। उड़ानों की माँग को हवाई यात्रा से मतलब रखने वाले हर व्यक्ति ने समर्थन दिया। भाजपा के लोग हों या कांग्रेस के लोग हों, व्यापारी हो या चिकित्सक हों, अधिवक्ता हों या अधिकारी हों सभी ने एक स्वर में यह बात कही थी कि जबलपुर से अन्य बड़े शहरों के लिए घटती हुई उड़ाने का भविष्य में शहर को नुकसान ही होगा। लेकिन बुद्धिजीवी वर्ग यह समझ रहा था कि निजी विमान कंपनियों द्वारा संचालित उड़ानों को प्रारंभ करना ना तो केंद्र सरकार के अधीन है और ना ही राज्य सरकार के बस की बात है। सरकार बस निजी विमान कंपनियों को सहयोग कर सकती है, सुविधा दे सकती हैं। उड़ानें तभी प्रारंभ होंगी जब निजी विमान कंपनियों को पर्याप्त हवाई यात्री मिलेंगे और उन्हें आर्थिक नुकसान न होने की सुनिश्चिता होगी। शायद इसीलिए निजी विमान कंपनियों को सीधे तौर पर आर्थिक क्षति पहुँचाने वाले इस आवाहन को हवाई यात्रियों ने स्वीकार नहीं किया और कल जबलपुर से हैदराबाद, जबलपुर से दिल्ली, एवं जबलपुर से इंदौर गई तीनों उड़ाने पूरी तरीके से फुल थी।
संघर्ष समिति के आंदोलन का फायदा तो हुआ
शहर में एक वर्ग इस बात की भी चर्चा कर रहा है कि वायु सेवा संघर्ष समिति के गठन और आंदोलन का एक फायदा तो हुआ कि केंद्र सरकार और सरकार के कैबिनेट मंत्री सक्रिय हो गए और मौके की नजाकत को देखते हुए समय रहते निजी विमानन कंपनी से चर्चा कर जबलपुर के हक को मारने से बचाने के प्रयास किये। परिणाम स्वरूप जबलपुर मुंबई के बीच 1 जुलाई से नियमित फ्लाइट की घोषणा हो गई। मुंबई विमानतल पर इसका स्टॉल भी मिल गया। अब दूसरी विमान कंपनी स्पाइसजेट भी दिल्ली और मुंबई व अन्य शहरों के बीच में नियमित उड़ान प्रारंभ करने की संभावनाओं पर पुन: काम कर रही है, जल्दी इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे।
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