जबलपुर (जय लोक)
सुबह सवेरे अपने रोज के ढर्रे के अनुसार लेट लतीफी से आराम फरमाते हुए पहुंचने वाले तहसील कार्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि आज उनके सामने परीक्षा की घड़ी उत्पन्न हो जाएगी। उनकी कार्यशैली का कच्चा चि_ा जिला कलेक्टर के सामने खुलकर आ जाएगा। औचक निरीक्षण पर पहुंचे कलेक्टर के सामने जब अव्यवस्था आईं तो दण्ड मिलना तो लाजमी था। यह सिर्फ जबलपुर की एक तहसील या एसडीएम कार्यालय का हॉल नहीं बल्कि सभी जगह यही हाल है। जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी जितनी संजीदगी के साथ कार्य करते हैं, अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी उतने ही लापरवाह अंदाज से आमजनों से पेश आते हैं और कार्य के प्रति उदासीनता बरतते हैं।
आज की कार्यवाही के बाद यह डर निर्मित हो गया है कि अब कलेक्टर कभी भी किसी भी तहसील एवं अन्य कार्यालय में दस्तक दे सकते हैं।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज तहसील कार्यालय रांझी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति का अवलोकन भी किया। साथ ही तहसील स्तरीय समस्याओं को सुना एवं उनके निराकरण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान 6 कर्मचारियों के आधा दिन का वेतन काटने का निर्देश भी दिए। रजिस्टर और प्रकरणों का रखरखाव ठीक से नहीं करने के लिये प्रवाचक राजेन्द्र श्रीवास्तव को एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के लिये कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए। साथ ही कलेक्टर ने तहसीलदार राजीव मिश्रा को तहसील कार्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए और कहा कि वे प्रतिदिन सुबह नियत समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर शासकीय कार्यों की नियमितता सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री सक्सेना ने इस दौरान निर्माणाधीन तहसील कार्यालय का भी निरीक्षण किया।
