जबलपुर (जयलोक)। फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर की प्रेगनेंसी बाइबल बुक को लेकर उपजे विवाद पर मंगलवार को करीना कपूर की तरफ से एमपी हाई कोर्ट में जवाब पेश किया गया इस पर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी करीना कपूर की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया कि किताब के टाइटल में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कि किसी की धार्मिक भावना आहत हो या फिर किसी को ठेस पहुंचे ।
जबलपुर निवासी एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने 2002 में याचिका दायर की थी पहली सुनवाई अगस्त 2022 में हुई तब कोर्ट ने राज सरकार को भी पार्टी बनाने के लिए कहा था बाद में मामला ठंडा पड़ गया अधिवक्ता एंथोनी के कोर्ट में मेमोरेंडम लगाने के बाद मई 2024 को फिर से सुनवाई हुई जिसमें हाई कोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर को नोटिस दे कर जवाब मांगा था। करीना कपूर के अधिवक्ता दिव्य कृष्णा बिलैया और निखिल भट्ट ने बताया कि प्रेगनेंसी बाइबल नाम की बुक में किसी की धार्मिक भावना आहत नहीं की गई है और ना ही ऐसी कोई मंशा थी।अधिवक्ताओं ने किताब की बिक्री पर लगी रोक की मांग वाली याचिका पर आपत्ति जताते हुए अपना जवाब पेश किया जिस पर अगले सप्ताह 10 सितंबर को सुनवाई होगी दरअसल करीना कपूर ने 2021 को प्रेगनेंसी पर लिखी यह किताब लॉन्च की थी उन्होंने इस किताब को अपना तीसरा बच्चा कहा था किताब की लांच पर उन्होंने ऑनलाइन करण जौहर से चर्चा की और प्रेगनेंसी के दौरान जीवन में आए उतार चढ़ाव पर बात की ।करीना ने बताया कि पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरी प्रेगनेंसी उनके लिए कठिन रही करीना ने 2021 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया था ।
करीना कपूर की ओर से अधिवक्ता दिवस कृष्णा बिलैया तथा निखिल भट्ट ने बताया कि जो किताब करीना कपूर द्वारा लिखी गई है उसके लिए संविधान उन्हें अनुमति देता है फ्रीडम टू स्पीक के पावर की और उसी के तहत मेरे पक्षधर द्वारा किताब लिखी गई है इसमें किसी भी प्रकार से बाइबिल या किसी अन्य ग्रंथ का अपमान करने का उद्देश्य नहीं है सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया ने भी अपने कई निर्णय में बाइबल शब्द का प्रयोग किया है और इसी तरीके से मेरे द्वारा किताब लिखी गई है प्रेगनेंसी बाइबल में प्रेगनेंसी संबंधी जो भी अच्छे विचार है उसे उनका उसमें प्रयोग किया गया है।