जबलपुर (जय लोक)
सेना के उपयोग में काम आने वाले बमों का जबलपुर के शमीम कबाड़ी के गोदाम में भीषण धमाके के साथ फट जाना, 150 के करीब जिन्दा बम मिलना, राष्ट्रीय स्तर की जाँच एजेंसियों का जबलपुर जाँच के लिए आना और बम के अंदर से बारुद निकाल कर उसका संग्रहण करना, आयुध निर्माणियों से बिना पूर्ण जाँच के बम के खोखे के नाम पर निष्क्रिय या जिंदा बमों का बाहर निकाल जाना, ऐसे बहुत से सवाल उठ रहे हैं।
इन सवालों के बीच में कुछ और भी ऐसी बातें हैं जो शमीम और उसके परिजनों से जुड़ी हुई हैं और इस बड़े कांड के बाद से पुन: उनकी चर्चाएं पुलिस और प्रशासन के साथ ही आमजनों के बीच में प्रारंभ हो गई है। पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर के रूप में दर्ज शमीम कबाड़ी और उसके परिजनों के कई कारनामे ऐसे हैं जिनका जवाब आज तक पुलिस को जाँच के बाद भी नहीं मिला।
इन्हीं प्रकरणों में से एक प्रकरण आज से तकरीबन 14-15 साल पहले का है। उनके रिश्तेदार की शादी का रिसेप्शन वेटरनरी ग्राउंड में दिया गया था। इस हाई प्रोफाइल शादी में राजनीतिक क्षेत्र की बड़ी बड़ी हस्तियां, विधि क्षेत्र की बड़ी बड़ी नामी हस्तियां, पुलिस प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारी शामिल होने आए थे। प्रोटोकॉल में चलने वाले लोग भी इस पार्टी का हिस्सा बने थे। इसी पार्टी में वेटरनरी ग्राउंड के अंदर रहवासी क्षेत्र में दो जिंदा हिरण पाए गए थे। पूरे शहर में यह हल्ला मच गया था कि उस पार्टी में हिरण का मांस पका है। जांच के लिए हड्डी और मांस के टुकड़े भेजे गए थे। लेकिन वह दो जिंदा हिरण वहां कैसे पाए गए इसका जवाब आज तक पुलिस जाँच में भी नहीं मिल पाया। इन्हीं के परिजनों की एक अन्य संपत्ति से दो अन्य हिरण भी बरामद होने की चर्चाएं सामने आई थी और यह मामला अखबारों में भी खूब छपा था। इसके अलावा एक और चर्चित प्रकरण था जो शमीम कबाड़ी के गोदाम से सीधे रूप से जुड़ गया था। वह प्रकरण था भाजपा की सरकार के एक पूर्व गृहमंत्री के रिश्तेदार का ट्रक शमीम कबाड़ी के गोदाम में कट जाने का। इस घटना के बाद से पुलिस अपना याराना भूल कर पूरी तरीके से शमीम के पीछे पड़ गई थी। सूत्रों के अनुसार यही चर्चाएं बाद में सामने आई थी कि एक नए ट्रक की कीमत नगद रकम देने के बदले इस मामले में समझौता हुआ था।
नरसिंहपुर के सटोरियों से याराना
इतने सारे मामलों के बाद नरसिंहपुर के पुराने सटोरियों से उनकी नजदीकियों के मामले भी चर्चा में आ गए हैं। जब पुलिस के शमीम के पुराने मामलों के दौरान फरारी काटने का रिकॉर्ड निकला तो पुलिस सूत्रों को यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि पूर्व में जब भी किसी मामले को लेकर शमीम फरार होता था तो वह नरसिंहपुर और आसपास के क्षेत्र में ही अपनी फरारी काट लेता था। यहाँ के कंदेली क्षेत्र के एक सटोरिये और एक पुराने फॉरेस्ट ऑफिसर से भी इनकी घनिष्ठता की बात जांच के दौरान पुलिस के सामने आई है। यह किन-किन मामलों में संलिप्त है और कौन किसके पैसे का लेनदेन का हिसाब रखता है इससे संबंधित जानकारी का सत्यापन करवाया जा रहा है।
लग चुके हैं कई प्रकार के आरोप
रायपुर की लोहा फैक्ट्री को लेकर भी बहुत सारी जानकारियां पुलिस के समक्ष आई हैं। जो सीधे तौर पर शमीम के कबाडख़ाने और लोहा खरीदी के झोलझाल की ओर इशारा कर रही है। इस मामले में पुलिस खुद कार्रवाई करेगी या अन्य विभागों को यह जानकारियां प्रेषित की जाएगी इस पर अभी संशय बना हुआ है। पुलिस को मुखबिरों से यह जानकारी भी मिली है कि शमीम के बेटे फहीम के कुछ खास लोग जो हमेशा इनके साथ बने रहते हैं उनके ऊपर धर्मांतरण करवाने जैसे गंभीर आरोप भी में लग चुके हैं। ऐसे लोग जबलपुर और नरसिंहपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सक्रिय हैं इनको आर्थिक मदद कौन देता है, किसके माध्यम से यह कार्य किया जाता है इन सब बातों की भी जांच हो सकती है। दूसरों के नाम से कारोबार करने में शमीम और फहीम शुरू से माहिर हैं। प्रशासन अब जाँच कर रहा है कि शमीम के नाम से कहां कहां संपत्ति है उसके बाद उन सब सम्पतियों की भी जांच होगी। बेनामी संपत्ति के बारे में भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
