Download Our App

Follow us

Home » जीवन शैली » जीव ब्रह्म का मिलन ही महारास है ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी महाराज

जीव ब्रह्म का मिलन ही महारास है ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी महाराज

जबलपुर, (जयलोक)।
शताब्दीपुरम् ऊखरी रोड में चौबे परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में परम पूज्य ब्रह्मलीन जगद्गुरु ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के निजी सचिव परम पूज्य ब्रह्मचारी श्री सुबुद्धानन्द जी का आगमन हुआ उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि रासलीला जीव और ब्रह्म के मिलन की लीला है गोपियां जीव कूट  हैं भगवान श्री कृष्ण परमब्रह्म परमात्मा के स्वरूप है, भगवान श्री कृष्ण और गोपिकाओं का मिलन जीव ब्रह्म की एकता का वाचक है। कथावाचक डॉक्टर इन्दुभवानन्द  ब्रह्मचारी जी महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण साक्षात परम परमात्मा है और रुक्मणी साक्षात लक्ष्मी है, रुक्मणी और श्री कृष्ण का विवाह लक्ष्मी नारायण का विवाह माना जाता है। भगवान के विवाह के दर्शन करने से तथा विवाह की लीला सुनने से व्यक्ति का दांपत्य जीवन स्थिर होता है ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानंद महाराज जी ने बताया कि विवाह एक पवित्र संस्कार है जिसके द्वारा व्यक्ति पितृ उनसे मुक्त होता है परमहंसी गंगा आश्रम ज्योतिश्वर से पधारे आचार्य श्री राजेंद्र प्रसाद शास्त्री जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान की कथा भक्तों के हृदय में भगवद् भक्ति बढ़ाने के लिए ही सुनाई जाती है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Home » जीवन शैली » जीव ब्रह्म का मिलन ही महारास है ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी महाराज
best news portal development company in india

Top Headlines

Live Cricket