जबलपुर, (जयलोक)
हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी को फरार हुए 3 साल का समय बीत चुका है। इन 3 सालों में पुलिस इस कबाड़ी को ढूंढ नहीं पाई है। पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। वहीं 25 अप्रैल को शमीम कबाड़ी के यहाँ जो विस्फोट हुआ उसमें कितने लोग मरे, कितने लोग घायल हुए आज तक इसकी कोई अधिकृत जानकारी भी नहीं दी गई है। यह एक बड़ा आश्चर्य बना हुआ है। जबकि विस्फोट के समय वहाँ पर मृतकों के अंग भी मिले थे?
शमीम कबाड़ी के कबाडख़ाने में बमों के इतने ज्यादा खोल थे और उसमें इतना बारूद था कि बीते चार दिन में 75 से अधिक विस्फोट करके उन बमों को निष्क्रिय और बारूद को खत्म किया गया है । बड़ी क्षति से बचने के लिए पुलिस सुरक्षा के बीच छोटे-छोटे विस्फोट कर बमों के खोल निष्क्रिय करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े हैं कि पहला यही है कि आखिर वहाँ इतना बारूद कैसे जमा हो गया और पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।
गौरतलब है कि खजरी-खिरिया बाइपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के मामले में हिस्ट्रीशीटर बदमाश मोहम्मद शमीम को ढूंढ रही पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। पुलिस की लंबी छानबीन के बाद भी आरोपित के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला है। विस्फोट की घटना से पूर्व में अधारताल थाना में वर्ष 2021 में पंजीबद्ध एक अपराधिक मामले में मोहम्मद शमीम अभी तक फरार है।
डीएनए रिपोर्ट का इंतजार
आज तक इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई है कि शमीम कबाड़ी के खजरी ब्लास्ट में कितने लोग मरे और कितने घायल हुये।
आज तक इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। विस्फोट के बाद से दो श्रमिक लापता हैं। मौके से जाँच टीम ने अंग के कुछ टुकड़े जब्त किए थे। इनकी और लापता श्रमिकों के स्वजन की डीएनए रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है। इस रिपोर्ट के बाद ही घटना में मृतकों की पुष्टि होगी। जानकारों का कहना है कि डीएनए के लिये भेजे गये अंग के टुकड़े अलग-अलग लोगों के भी हो सकते हैं। जिसके बाद मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ जाएगा।
तीन साल से है फरार
तीन वर्ष से फरार आरोपित को अपनी गिरफ्त में नहीं ले सकी पुलिस के लिए अब विस्फोट के बाद शमीम की गिरफ्तारी चुनौती बन गई है। उसकी गिरफ्तारी पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उसके स्वजन और साझेदारों की कुंडली खंगाल रही है। उसके छिपने के ठिकाने का पता लगाने का काम पुलिस कर रही है। विस्फोट के बाद की अभी तक कार्रवाई में पुलिस बमों के खाली खोल निष्क्रिय करने की प्रक्रिया में ही अधिक जुटी नजर आ रही है। वहीं, शमीम का बेटा फहीम और साझेदार सुल्तान जेल में है। अब यह देखना है कि शमीम कबाड़ी पुलिस की गिरफ्त में आता है या नहीं।
