Download Our App

Home » अपराध » दुष्कर्मी को नहीं मिली जमानत, शादी का झांसा देकर कई दिनों तक किया शारीरिक शोषण, फिर कर ली दूसरी शादी

दुष्कर्मी को नहीं मिली जमानत, शादी का झांसा देकर कई दिनों तक किया शारीरिक शोषण, फिर कर ली दूसरी शादी

जबलपुर (जयलोक)
जिला अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया। यह आदेश न्यायाधीश निशा विश्वकर्मा की अदालत ने दिया, जिसमें आरोपी आशीष टंडन की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी। राज्य की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि आरोपी के विरूद्ध शहर के थाने में रिपोर्ट दर्ज है। आरोपी ने शादी के नाम पर युवती के साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं आरोपी राजनीति में रसूख रखता है अगर इसे जमानत का लाभ दे दिया गया तो बाहर आकर ये अनुसंधान को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने तर्कों को सुनते हुए आरोपी को जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया।
ये है मामला – मदन महल क्षेत्र में होमसाइंंस रोड पर स्थित एक हॉस्टल संचालिका के पुत्र ने हॉस्टल में रहने वाली एक युवती को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। पीडि़ता के गर्भवती होने पर उसका गर्भपात भी कराया और शादी से इंकार कर दूसरी जगह शादी कर ली। इतना ही नहीं पीडि़ता ने जब आपत्ति उठाई तो आरोपी ने उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। जिसके बाद पीडि़ता ने सोमवार को आरोपी के खिलाफ मदन महल थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में पीडि़ता ने बताया कि 2015 में उसकी मुलाकात हॉस्टल संचालिका के पुत्र आशीष टंडन से हुई थी। 23 सिंतम्बर 2015 को आशीष ने उसे अपने घर बुलाकर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। इसके बाद कई बार वह पीडि़ता को होटलों में ले जाकर उसका शारीरिक शोषण कर चुका है। युवती दो बार गर्भवती भी हुई लेकिन आरोपी ने उसका गर्भपात करा दिया। आरोपी ने युवती से 70 हजार रूपये भी लिए जो वापस नहीं किए।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Home » अपराध » दुष्कर्मी को नहीं मिली जमानत, शादी का झांसा देकर कई दिनों तक किया शारीरिक शोषण, फिर कर ली दूसरी शादी
best news portal development company in india

Top Headlines

मित्रसंघ के संस्थापक अजित वर्मा जी ने 1971 से शुरू किया था समाधि पर बलिदान दिवस का आयोजन: जबलपुर से शुरू हुए दुर्गावती की स्मृति रक्षा के प्रयास

@सच्चिदानंद शेकटकर, अध्यक्ष मित्र संघ       दैनिक (जयलोक)।  मातृभूमि की रक्षार्थ अपने प्राणों का बलिदान करके, अपने लहू

Live Cricket