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नगर निगम को नया बाजार से वसूलना है 40 करोड़ 65 दुकानदारों ने आगे पीछे 30 फुट पर  कब्जा कर बहु मंजिला निर्माण भी कर लिए

जबलपुर (जय लोक) नगर निगम के मालवीय चौक से लेकर सुपर बाजार के बीच में बने लंबे नया बाजार में 65 दुकानें हैं। इन सभी दुकान के संचालकों ने नगर निगम को ठेंगा दिखाते हुए बड़ी दबंगता के साथ अपनी दुकानों के आगे और पीछे अवैध रूप से कब्जा कर लिया। दुकानदारों ने 20 फुट आगे और 10 फीट पीछे जमीन पर कब्जा करके अपनी दुकानों को न केवल आगे बढ़ा लिया बल्कि अपनी दुकानों को बहु मंजिला भी बना लिया है। इन दुकानदारों से नगर निगम को जुर्माने के रूप में करीब 40 करोड़ रुपए की राशि वसूल करना है। लेकिन नगर निगम की दुकानों पर अवैध निर्माण करने वाले दुकानदारों को अब नगर निगम द्वारा खुद ही उनसे राशि वसूलने की बजाय ऐसे अवैध निर्माण करने वाले दुकानदारों से जमा कराई जाने वाली राशि में शासन से राहत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। नगर निगम की ओर से विधिवत शासन को दुकानदारों को उनके ऊपर लगाई गई जुर्माना की राशि में राहत देने का पत्र भी भेजा गया है।
नया बाजार के इन 65 दुकानदारों को पूर्व में 12 बाई 16 फुट की दुकानें आवंटित की गई थीं। आगे पीछे हर दुकान में करीब 30 फुट का अवैध कब्जा करने के बाद दुकानदारों की यह दुकानें अब 12 बाई 45 फुट की हो चुकी हैं। आगे पीछे इन दुकानदारों ने नगर निगम की बिना अनुमति के लेकिन नगर निगम की शायद मौन स्वीकृति के बाद 20 फुट आगे और 10 फुट पीछे अवैध रूप से कब्जा कर लिया और दुकानों को बड़ा कर लिया। वहीं ज्यादातर दुकानें बहु मंजिला भी बन गई हैं। बहु मंजिला दुकान बनाने के लिए कुछ दुकानदारों ने नगर निगम से स्वीकृत की प्राप्त की है वहीं कुछ दुकानदारों ने अवैध रूप से बहु मंजिला निर्माण भी कर लिया है। नगर निगम दशकों से अवैध निर्माण करने वाले दुकानदारों से उनके अवैध निर्माण के जुर्माने की राशि वसूल करने की कोशिश कर रही है। लेकिन नगर निगम न तो अपनी ही दुकानों से अवैध निर्माण तोड़ पायी और न ही जुर्माने की राशि ही वसूल कर पायी है।

सिर्फ एक दुकानदार ने जमा की राशि
लेकिन नया बाजार के 65 दुकानदारों में से सिर्फ  एक दुकानदार ने ही अपने दुकान की पूरी जुर्माना की राशि जमा कर दी है। बाकी 64 दुकानदारों में से कुछ न्यायालय की शरण में भी चले गए हैं और कुछ दुकानदार ऐसे हैं जो राजनीतिक दबाव बनाकर नगर निगम की ओर से माँगे जाने वाली राशि को जमा करने में टाल मटोल करते आ रहे हैं।
अब एक बार फिर इन दुकानदारों ने दबाव बनाकर उनसे माँगी जा रही जुर्माना की 100 प्रतिशत राशि को कम करने के लिए नगर निगम की ओर से शासन को पत्र भी लिखवाने में कामयाबी हासिल कर ली है। नगर निगम ने शासन को दुकानदारों की मंशा के अनुरूप जुर्माना की 100 प्रतिशत राशि को कम करके उन्हें रियायत देने का पत्र भी भेजा है। नगर निगम के जो 65 दुकानदार हैं उनमें से जिन दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध निर्माण के अनुरूप जुर्माना की राशि का निर्धारण किया गया है उनमें से कुछ दुकानों से नगर निगम को 40 से 45 लाख रुपए की जुर्माना की राशि लेना है। वहीं कुछ दुकानदारों से 80 लाख रुपए की राशि लेना है। यह पूरी राशि मिलकर करीब 40 करोड़ रुपए हो जाती है। दुकानदारों का कहना है कि शासन ने जुर्माने की जो दरें निर्धारित की हैं वे दरें निजी भूमि पर होने वाले निर्माण के लिए हैं जबकि उनका अवैध निर्माण तो नगर निगम की भूमि पर हुआ है। इसलिए जुर्माना की राशि 100 प्रतिशत से कम की जाना चाहिए।

शासन द्वारा निर्धारित  नियम के अनुसार ही नगर निगम माँग रहा राशि
प्रदेश शासन ने वर्ष 2012 में ही अवैध निर्माण के संबंध में जुर्माने की राशि का निर्धारण कर दिया है जिसमें अवैध निर्माण करने पर 100 प्रतिशत राशि लिए जाने का नियम है। शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही नगर निगम ने इन दुकानदारों पर जुर्माना की राशि तय की है। अब नया बाजार में नगर निगम की 40 करोड़ की एक बड़ी रकम की वसूली का मामला शासन के पाले में पहुंचाने में दुकानदार कामयाब हो गए हैं। अब यह देखना है कि शासन इन दुकानदारों को क्या रियायत देता है।

दो-दो करोड़ में बिक रही हैं दुकानें
नगर निगम के नया बाजार की दुकानें लगातार दुकानदार दूसरे दुकानदारों को बेचते भी आ रहे हैं। आज की तारीख में नया बाजार की एक दुकान की कीमत 2 करोड़ रुपए के करीब हो गई है और बड़े-बड़े शोरूम के संचालक बड़ी रकम देकर यह दुकानें खरीद भी रहे हैं।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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