
संदर्भ : राहुल गांधी का उभार
(जय लोक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार के लोकसभा के चुनाव अभियान में पूरे समय तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को खुद ही चुनावी मुकाबले में बनाए रखा। मोदी अपनी हर चुनावी सभा में राहुल गांधी का जिक्र करते रहे। यहां तक की मोदी ने राहुल गांधी नामकरण शहजादे के रूप में भी कर दिया। मोदी जब अपने भाषण में शहजादे का जिक्र करते तो लोग समझ जाते कि वे राहुल गांधी के बारे में बोल रहे हैं।
राहुल गांधी उपहास के पात्र बने रहे
राहुल गांधी को बड़े सुनियोजित तरीके से और बड़ी राशि खर्च करके उनकी पप्पू की छवि भी बना दी गई थी। राहुल गांधी पप्पू के नाम से लंबे समय तक उपहास के पात्र भी बने रहे। ऐसा लग रहा था कि राहुल गांधी की पप्पू वाली छवि इस बार के लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रहने वाली है। इसीलिए संभवत: रणनीति के तहत राहुल गांधी को चुनावी मुकाबले में बना कर रखा गया ताकि यह चुनाव मोदी बनाम राहुल गांधी हो सके। लेकिन इस बार के चुनाव में राहुल गांधी एक नए रूप में उभरे हैं। अब इस बार के जो चुनावी नतीजे आए हैं उनसे राहुल गांधी पप्पू की छवि से तो मुक्त हुए ही हैं वहीं वह एक परिपक्व और सशक्त विपक्षी नेता के रूप में उभरे हैं। अब राहुल गांधी को पप्पू कहने वाले पछता भी रहे होंगे।
चार सौ पार पर राहुल का कामयाब वार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार के लोकसभा के चुनाव के लिए खुद ही पहली बार-अब की बार 400 पर का नारा दिया। भाजपा संगठन ने भी इसी नारे को कामयाब बनाने में अपनी पूरी ताकत लगा दी। वहीं विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 400 पार को एक बड़ा मुद्दा बना लिया। इस बार तो राहुल गांधी अपनी चुनावी सभाओं में संविधान की किताब भी लहराते हुए नजर आए। वह हर चुनाव में कहते रहे की यदि भाजपा को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी तो संविधान बदल दिया जाएगा और आरक्षण को लेकर बड़े बदलाव होंगे। आरक्षण को समाप्त किए जाने जैसी बात भी राहुल गांधी करते रहे। राहुल आरक्षण को लेकर ज्यादा ही आक्रामक नजर आए। राहुल गांधी आरक्षण को लेकर 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कामयाब होते नजर आए। जातिवादी राजनीति से ग्रसित उत्तर प्रदेश में आरक्षण का मुद्दा इतना गंभीर हो गया कि मतदाताओं ने भाजपा की सीटों को एकदम घटाकर 35 पर ला दिया और सपा तथा कांग्रेस की सीटों को बढ़ा दिया। उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की अखिलेश के साथ बनाई गई रणनीति का यह फायदा हुआ कि भाजपा को यहां बड़ा झटका लगा और कांग्रेस की सीटें तो बढ़ी हीं वहीं समाजवादी पार्टी भी देश की तीसरी बड़ी राजनीतिक पाटी बन गई।
राहुल गांधी का फुल टाइमर बनकर राजनीति करना
राहुल गांधी पर यह आरोप लगाता रहा है कि वह पारटाइमर की तरह राजनीति करते हैं। लेकिन जब राहुल गांधी ने पहली बार कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अपनी चार माह की पदयात्रा निकाली तब वह एक पूर्ण कालिक राजनेता के रूप में उभरे। 4 महीने तक उन्होंने अपनी पदयात्रा में जहां मतदाताओं को जोड़ा वहीं कांग्रेस संगठन को भी मजबूत करते रहे। वहीं दूसरी यात्रा भी उन्होंने इसी तरह से निकाली। इसका यह नतीजा हुआ कि राहुल गांधी लगातार मैदान में बने रहे। राहुल गांधी ने जिन लोकसभा सीटों पर अपनी दो यात्राएं की उनमें 32 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की।
अब मान्यता प्राप्त प्रतिपक्ष के नेता बनेंगे राहुल गांधी
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अच्छी कामयाबी हासिल हुई है। कांग्रेस ने अपनी सीटें बढ़ाकर 99 तक संख्या पहुँचा दी है। इस संख्या को बढ़ाने में राहुल गांधी का विशेष योगदान माना जा रहा है। अब राहुल गांधी को कांग्रेस संसदीय दल का नेता बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद राहुल गांधी देश के मान्यता प्राप्त नेता प्रतिपक्ष बन जाएंगे और संसद में उनको अपनी नई भूमिका निभाने का एक नए अवसर भी मिलेगा।


Author: Jai Lok
