जबलपुर (जयलोक)। लोगों की मदद करने वाली पुलिस का कभी कभी अमानवीय चेहरा सामने आता है। जिसमें पुलिसकर्मी वर्दी का धौंस दिखाते हुए निर्दोष लोगों के साथ ही मारपीट करने लगते हैं। ऐसा ही एक मामला रांझी थाने में आज सामने आया। जहाँ पुलिस सत्यापन रिपोर्ट लेने थाने पहुँचे एक युवक के साथ पाँच पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से मारपीट की। पुलिस कर्मियों ने युवक को इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसे मुंह से खून निकलने लगा। जैसे ही इसकी जानकारी क्षेत्रीय लोगों को मिली तो उन्होंने पुलिस कर्मियों के विरोध में थाने का घेराव किया। खास बात यह है कि इन पुलिस कर्मियों को कार्रवाही का भय नहीं रहता। ज्यादा से ज्यादा इन्हें सस्पेंड किया जाता है कुछ दिनों बाद ये फिर वापस आ जाते हैं। ऐसे पुलिसकर्मी जहाँ पुलिस के लिए एक दाग बने हुए हैं तो वहीं आम जनता के लिए भी परेशानी के लिए कम नहीं हैं।
पुलिसकर्मियों ने जिस युवक के साथ मारपीट की उसका नाम शीतल बताया जा रहा है जो पिछले चार दिनों से पीवीआर रिपोर्ट लेने थाने के चक्कर काट रहा है। आज सुबह फिर वह रांझी थाना पहुँचा, जहाँ उसने देखा कि थाने में भीड़ लगी थी। इसी बीच एक पुलिसकर्मी आया और शीतल के साथ गाली गलौच करने लगा। शीतल ने इस बात का विरोध किया तो पुलिसकर्मी सूरज, आशुतोष बिहारी सहित पाँच पुलिसकर्मी उस पर टूट पड़े, और डंडों से उसे बुरी तरह पीटा।
पुलिस कर्मियों पर कार्रवाही की माँग- शीतल के साथ हुई मारपीट से क्षेत्रीय लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। क्षेत्रीय लोग काफी देर तक थाने का घेराव करते हुए पुलिस कर्मियों पर कार्रवाही की माँग करते नजर आए। वहीं दूसरी ओर थाना प्रभारी अपने पुलिस कर्मियों के बचाव में देखे गए। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिसकर्मी आम लोगों के साथ ऐसा बर्ताव करेंगे तो लोगों की सुरक्षा और कौन करेगा।
ये है पीवीआर रिपोर्ट का नियम- नियमों के मुताबिक पीवीआर रिपोर्ट देने के लिए 12 घंटे का प्रावधान है। लेकिन पुलिसकर्मी अपनी वर्दी की धौंस दिखाते हुए आवेदकों को कोई ना कोई कारण बताकर थाने से भगा देते हैं।
