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पूतना अविद्या का स्वरूप है- डॉ. इन्दुभवानन्द महाराज

जबलपुर (जयलोक)
चौबे परिवार के आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूप आनंद सरस्वती महाराज के शिष्य डॉक्टर इन्दुभवानन्द महाराज ने अपने वक्तव्य में बताया कि पूतना अविद्या है जो बड़े-बड़े पवित्र लोगों को भी पाटन की ओर ले जाए वह पटना यह माया का एक भेद है।
जब माया परमात्मा का विशेषण बनती है तो ईश्वर पदवा‘य हो जाती है और जब माया जीव का विशेषण बनती है तो अविद्या पद वा‘य कहते हैं परम पू’य ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानंदजी महाराज ने भगवान के नामकरण की महिमा व्यक्त करते हुए बताया कि भगवान का नाम सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाला है आचार्य राजेंद्र प्रसाद शास्त्री ने भी अपने संक्षिप्त उद्बोधन में बताया कि भगवान विभिन्न प्रकार की लीलाओं के द्वारा भक्तों के हृदय के शोक को दूर करते हैं। उपस्थित श्यामनारायण चौबे संतोष कुमार दुबे, आदित्य नारायण चौबे, अजय चौबे, जय चौबे, आशीष पूजा दुबे, शारदानंद दुवेदी तुलसी अवस्थी सतेंद्र, मनोज सेन आदि उपस्थित रहे।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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