1 महीने से नही प्रिंट हो रही एक्स रे की फिल्म, भटक रहे मरीज
जबलपुर (जय लोक)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल हॉस्पिटल के परिसर में स्थापित सुपर स्पेशलिटी यूनिट में कुछ व्यवस्थाएं बिल्कुल ही भगवान भरोसे चल रही हैं। यहां पर आने वाले मरीजों का बीपी सुपर स्पेशलिटी यूनिट में तैनात वार्ड बॉय और आया बाई ले रहे हैं। जबकि बीपी और शुगर की गणना बहुत महत्वपूर्ण होती है और उसके आधार पर ही चिकित्सक या वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों की विभिन्न प्रकार की बीमारियों का ईलाज करते हैं। अगर इनकी गणना में भूलचूक हो जाए एवं गलत दवाई या अधिक पॉवर की दवाई दे दी जाए तो मरीज के जीवन पर भी संकट आ सकता है। लेकिन जबलपुर के मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेस्लिटी यूनिट के वार्ड बॉय और आया बाई भी शायद सुपर स्पेशलिस्ट हैं जिन्हें अधीक्षक की रजामंदी और डॉक्टरों की सहमति से बिना डिग्री के यह कार्य करने दिया जा रहा है। इनसे पूछे जाने पर बहुत स्पष्ट बता दिया जाता है कि उन्हें डॉक्टर साहब ने यह कार्य करने के लिए कहा है। दूसरी ओर एक महीने से अधिक समय हो गया है जब यहां पर स्थित एक्स रे विभाग में एक्स-रे तो हो रहे हैं लेकिन जाँच की रिपोर्ट यानी की फिल्म प्रिंट नहीं हो रही हैं।
जय लोक के प्रतिनिधि ने जब इस व्यवस्था को देखा और वहां मौजूद जिम्मेदार लोगों से पूछा तो उन्होंने बहुत ही हल्का जवाब देते हुए कह दिया कि एक महीने से फिल्म खत्म है। इसलिए प्रिंट नहीं निकल रहा है। जिस मरीज को जरूरत होती है उसे जांच रिपोर्ट और फिल्म मोबाइल पर उपलब्ध करा दी जाती है। फिर भी यह एक बड़ा समस्या का कारण है क्योंकि मेडिकल अस्पताल में आने वाले बहुत से गरीब मरीजों के पास बड़े एंड्रॉयड फोन नहीं होते हैं और कुछ के पास तो आज भी फोन नहीं है ऐसे मरीजों को अधिक परेशानी होती है और भटकना पड़ता है।इस संबंध में सुपर स्पेशलिटी के अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता से जय लोक ने चर्चा की और दोनों विषय उनके समक्ष रखें। डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि एक्स-रे मशीन पूरी तरीके से कार्य कर रही है जरूरतमंद मरीजों की समय पर जांच भी हो रही है। यह बात जरूर है कि उसकी फिल्म नहीं निकल पा रही जिसका कारण यह है कि मशीन से जुड़ा हुआ प्रिंटर काफी लंबे समय से खराब है और संबंधित कंपनी को दो-तीन बार इस बारे में कहा जा चुका है उन्होंने कुछ कार्य किया भी है लेकिन अभी प्रिंटर प्रारंभ नहीं हो पाया है। जल्द ही कंपनी को कार्य पूरा करने के लिए कहा गया है। फिल्म खत्म होने जैसी कोई बात नहीं है। दूसरे विषय जिसमें वार्ड बॉय और आया बाई बीपी नापते हुए नजर आए उस संबंध में सुपर स्पेशलिटी के अधीक्षक डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि इनकी सुविधाएं ओपीडी में डॉक्टर नहीं लेते हैं। प्रतीक्षा कक्ष के पास इन्हें जरूर यह काम दिया गया है ताकि आने वाले मरीजों का समय बच सके और उन्हें अधिक लाइन में ना लगा पड़े। अब अधीक्षक महोदय के इस जवाब पर कई सवाल स्वयं ही खड़े होते हैं। इन सवालों के जवाब जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा विभाग को ही तलाश करना पड़ेंगे। आखिर अधीक्षक भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि वार्ड बॉय और आया बाई जब मरीज का बीपी और दिल की धडक़न नाप सकते हैं और प्रारंभिक जांच यही से शुरू होना है तो फिर सुपर स्पेशलिटी का क्या औचित्य है या फिर सुपर स्पेशलिटी के वार्ड बॉय और आया भी सुपर स्पेशलिस्ट है। जो डॉक्टर का काम कर रहे हैं। कुल मिलाकर ऐसे मरीज भगवान भरोसे ही हैं।
इनका कहना है
कई दिनों से इस बारे में जिम्मेदारों के समक्ष बात को रखा जा रहा है मरीज परेशान हो रहे हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुख्ता कार्रवाही नहीं हो रही है।
अभिषेक पाठक प्रदेश अध्यक्ष प्रयास जनसशक्तिकरण संस्था
