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मैदान का सट्टा पकड़ रही पुलिस : फ्लैट, बार, होटल,रिसॉर्ट के बड़े बुकियों तक नहीं पहुँच रहा हाथ,आईपीएल का सट्टा शबाब पर रोज लग रहे करोड़ों के दाँव

जबलपुर (जय लोक)
जबलपुर पुलिस के भी अपने अलग कारनामें है। वर्तमान में आईपीएल क्रिकेट मैच की सीरीज में जमकर लाखों करोड़ों रुपए का सट्टा लगाया जा रहा है। सट्टा बाजार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रोजाना लाखों- करोड़ों रुपए के दाँव तो लगी रहे हैं, लेकिन इसके साथ- साथ लाखों करोड़ों रुपए का पैसा हवाला के माध्यम से भी अन्य सटोरियों को भुगतान के लिए एक शहर से दूसरे शहर में भेजा जा रहा है। जबलपुर की विजय नगर पुलिस ने कल बहुत बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक मैदान में चल रहा 650 रुपए का सट्टा पकड़ा। इतनी बड़ी कार्रवाई से एक बार फिर यह छोटे छोटे सवाल उठने लगे कि आखिर खुले मैदान में 4- 5 सौ रुपए के सट्टे को पकडऩे में पुलिस इतनी मुस्तैदी दिखाती है, लेकिन फ्लैट,बार,होटल,रिसॉर्ट के बड़े बुकियों तक पुलिस के हाथ क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं। सट्टा बाजार से जुड़े खेलने वाले खिलाडिय़ों को और खिलाने वाले सटोरियों को एक एक बात की जानकारी है कि कौन सा बड़ा बुकी कहां से  काम कर रहा है। किस बुकी के पैसे का लेनदेन (चुकारा) कौन कर रहा है। खिलाडिय़ों से पैसा वसूल करने के लिए कौन से गुंडे बदमाशों को किस बुकी ने कमीशन पर रखा हुआ है। यह सारी बातें और जानकारियां सट्टा बाजार से जुड़े लोगों को आसानी से मालूम है। लेकिन पुलिस का मुखबिर तंत्र, क्राइम ब्रांच,थाने का बल इन सब बातों को लेकर बेहरा हो जाता है।
26 थाने शहर के और 14 थाने ग्रामीण के सब जगह हो रहा सट्टा
जिले के अंतर्गत 26 थाने शहर में आते हैं और 14 थाने ग्रामीण क्षेत्र में आते हैं। इन सभी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सट्टे का कारोबार फैला हुआ है। कोई बड़े स्तर पर कर रहा है कोई छोटे स्तर पर कर रहा है। आईपीएल क्रिकेट का सट्टा खिलाने वाले बुकियों ने अपनी रणनीति में परिवर्तन किया है। शांति से और पुलिस से बचकर कार्य करने के लिए वह ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे स्थान पर अपना ठिकाना बना रहे हैं जो पुलिस की पहुंच से दूर भी हो और इंटरनेट एवं मोबाइल्स सिग्नल की भरपूर सुविधा हो। ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले होटल रिसोर्ट उनकी पहली पसंद है। यहां पर ही सटोरियों की पार्टी भी आयोजित हो जाती है। जब से आईपीएल का सट्टा प्रारंभ हुआ है पुलिस ने केवल कुछ सैकड़ो और हजारों रूपयों के साथ ही सटोरियों को पकड़ा है। जैसे की सट्टे बाजार में इससे ऊपर के दावं लग ही नहीं रहे है।
केवल आंकड़े दिखाने की कार्यवाही भूमिगत बुकी फिर हुए सक्रिय
पुलिस मुख्यालय को कार्यवाही के आंकड़े दिखाने के लिए छोटे मोटे सटोरियों को पकडऩे का काम जारी है। पूर्व पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के समय जिन बड़े बुकियों के खिलाफ  सटोरियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हुई थी, कुछ समय वह भूमिगत रहने के बाद अब एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। इन बड़े बुकियों के कनेक्शन जबलपुर से लेकर नागपुर, दुबई, कोलकाता, कटनी, रायपुर, नैनपुर सभी स्थानों पर हैं। कुछ लोग मानते है कि बड़े बुकियों को पकडऩे से अच्छा उनसे याराना बनाकर अपनी जेब का वजन बढ़ाते रहो और विभाग के सामने अपनी सक्रियता बताने के लिए सैकड़ों-हजारों रुपए लेकर कार्य करने वाली सट्टा बाजार की छोटी मछलियों को पकड़ते रहो।
सट्टे का कारोबार ईमानदारी भरा है
लाखों करोड़ों रुपए के हर दिन हो रहे सट्टे के कारोबार को अपने निहायत ईमानदारी  वाला   माना जाता है। सट्टे के कारोबार में ज्यादा लिखा-पढ़ी नहीं होती है सबकुछ कोडवर्ड में ही ज्यादातर काम होता है। लाखों रुपए का लेन-देन बिना बैंकों के हो जाता है। सट्टे के कारोबारियों का ज्यादातर लेन-देन हवाला से हो जाता है। लेन-देन में ईमानदारी इतनी की कभी सट्टे के लेन-देन को लेकर मार-पीट की वारदातें नहीं होती। लाखों रुपए हारने वाले कहीं मुंह नहीं खोलते। जीतने वाले को रकम देने वाला भी नीयत खराब नहीं करता और न बेईमानी करता है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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