जबलपुर (जयलोक)
भेड़ाघाट थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रेलवे कर्मचारी के परिवार ने टे्रन के सामने कूदकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। जिसने भी यह घटना सुनी वह हैराग रह गया। मृतक के साथी कर्मचारी और या आसपड़ोस वाले सभी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि ऐसी क्या वजह रही होगी कि जिसने परिवार के सभी सदस्यों को आत्म हत्या के लिए मजबूर कर दिया। आज सुबह जब ग्रामीणों ने रेलवे टे्रक पर चारों की लाश पड़ी देखी तो इसकी सूचना भेड़ाघाट पुलिस को दी। जिसके बाद भेड़ाघाट पुलिस ने चारों के शव को पीएम के लिए मेडिकल भेजते हुए आत्म हत्या के कारणों की जाँच शुरू कर दी है। ग्रामीणों को आज सुबह भेड़ाघाट रेलवे ट्रैक पर कई शव बिखरे पड़े देखे, जिसमें शव की पहचान 32 वर्षीय नरेंद्र चढ़ार, पत्नी रीना 26 वर्ष और उसके दो बच्चों के रूप में हुई है। नरेन्द्र ने आज सुबह अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ मिलकर टे्रन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। काफी देर तक शव रेलवे टे्रक पर ही पड़े रहे। जब ग्रामीणों की नजर शवों पर पड़ी तो वे शव देखकर हैरान रह गए। आग की तरह यह खबर गाँव में फैली। जिसके बाद लोगों की भीड़ लग गई। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि हंसता खेलता यह परिवार ऐसा कदम उठा सकता है। आत्म हत्या के मामले में फिलहाल पारिवारिक कलह की बात सामने आ रही है। लेकिन पुलिस का कहना है कि रिश्तेदारों से पूछताछ के बाद ही कारणों का पता चल सकेगा।
6 साल व 3 महीने की बेटियां भी- मृतकों में नरेंद्र व रीना के अलावा उनकी दो बेटियां भी थीं, जिसमें से एक की उम्र 6 वर्ष सानवी और दूसरे की उम्र 3 माह मानवी बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके दोनों बच्चे रोज की तरह गाँव के बच्चों के साथ खेलते रहते थे। लेकिन आज सुबह अचानक वे दिखाई नहीं दिए। सभी के मन में यहीं सवाल उठ रहा है कि आखिर रेलकर्मी किस परेशानी में था, जिसकी वजह से उसने परिवार को साछ इतना बड़ा आत्मघाती कदम उठा लिया।
ग्रप-डी का कर्मचारी था नरेन्द्र- जीआरपी के मुताबिक मृतक नरेंद्र चढ़ार रेलवे में गु्रप-डी का कर्मचारी था। वह भेड़ाघाट थाना क्षेत्र का रहने वाला था। नरेंद्र, उसकी पत्नी और दोनों बच्चों के शव ग्राम सिहोदा के पास रेलवे ट्रैक पर मिले हैं। वहीं नरेन्द्र के साथ काम करने वाले साथी कर्मचारियों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तो वे भी हैरान रह गए। साथी कर्मचारियों का कहना है कि नरेन्द्र जब भी मिलता था तो हंसता बोलता रहा था। कभी उसके चेहरे पर परेशानी नहीं देखी। वहीं कभी भी पति पत्नी के बीच किसी प्रकार के विवाद होने की बात भी नहीं सुनी।
तीन जून को गया था गांव- परिवार के सदस्यों का कहना है कि तीन जून को नरेन्द्र अपने परिवार से मिलने गाँव आरछा गया था। इस दौरान उसके स्वाभाव से यह बिलकुल नहीं लग रहा था कि वह किसी परेशानी में है। वहीं गांव वालों का भी यही कहना है कि नरेन्द्र के घर से कभी झगड़े की आवाज नहीं सुनाई दी।
माँ रहती थी साथ- भेड़ाघाट थाना प्रभारी पूर्वा चौरसिया ने बताया कि चारों के शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है। पूछताछ में अभी यह बात सामने आई है कि मृतक के साथ उसकी माँ भी साथ रहती थी। आज सुबह जब नरेन्द्र पत्नी और बच्चों को साथ लेकर आत्महत्या के लिए घर से निकला था तो इसकी जानकारी उसकी माँ को भी नहीं थी।
इनका कहना है
चारों के शव को पीएम के लिए भेजा गया है। मामले की जाँच की जा रही है कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि नरेन्द्र ने पत्नी और दोनों बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली।
पूर्वा चौरसिया,
भेड़ाघाट थाना प्रभारी
