नए किस्म के घोटाले की पहली बार जाँच कर रही पुलिस
जबलपुर (जयलोक)
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शिक्षा माफिया के खिलाफ कार्यवाही प्रारंभ की गई है। वर्तमान में जिला प्रशासन की जाँच के बाद सामने आए षडयंत्र पूर्वक किए गए करोड़ों के आर्थिक घोटाले की जाँच एफआईआर दर्ज कर पुलिस कर रही है। शिक्षा माफिया के खिलाफ पुलिस की जाँच गतिमान है एवं साक्ष्य एकत्रित करने का कार्य किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने विशेषज्ञों को भी जाँच में शामिल किया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि यह घोटाला नए किस्म का है और पुलिस पहली बार इस प्रकार के आपराधिक षड्यंत्र, फर्जी किताबें, करोड़ों का आर्थिक घोटाला की जाँच कर रही है।
जाँच पर पूरा फोकस
वर्तमान में पुलिस अपना पूरा फोकस जाँच पर बनाए हुए हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर प्रकरण बनाए गए हैं वे हर प्रकार से बचने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हर व्यक्ति के खिलाफ मजबूत साक्ष्य एकत्रित करना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। 11 स्कूलों के खिलाफ दर्ज हुए प्रकरण में 51 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 21 पकड़े जा चुके हैं जो जेल में है। जो बाहर है वह पूर्व में भी सबूत के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास कर चुके हैं। स्टेम फील्ड स्कूल विजय नगर में अभिभावकों से फर्जी किताबों को वापस बुलवाने का मामला पहले ही प्रकाश में आ चुका है।
चाटर्ड अकाउंटेंट कररहे पुलिस की मदद
इस मामले में सबसे ज्यादा कठिनाई स्कूलों से जप्त तक की गई उनकी ऑडिट रिपोर्ट और घुमा फिरा के बनाए गए बही खातों की जाँच के दौरान आ रही हैं जबलपुर पुलिस ने अभी अभी तक के इतिहास में इस प्रकार के घोटाले की जाँच पहले कभी नहीं की है। इसीलिए विषय विशेषज्ञ चाटर्ड अकाउंटेंट की मदद ली जा रही है और उन्हें इस जाँच में शामिल किया गया है।
फर्जी आईएसबीएन वाली किताबों की भी जाँच जारी
इस पूरे घोटाले में आपराधिक षड्यंत्र के तहत फर्जी आईएसबीएन वाली किताबों को भी कुछ स्कूलों द्वारा ऊंची एमआरपी दर पर बेचा जा रहा था। इस मामले में भी पुलिस जाँच कर रही है। यह फर्जी आईएसबीएन वाली किताबें कहां प्रकाशित हुई, इससे संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच पड़ताल की जा रही है।
पुलिस की जद से बाहर नहीं है फरार आरोपी
इस मामले में 51 आरोपियों में से 21 आरोपी पकड़े जा चुके हैं, 30 अभी फरार है। कुछ आरोपी विदेश में है जो वापस आने का नाम नहीं ले रहे और वहीं से बैठे बैठे सबूत को मिटाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। जो भी 30 आरोपी अभी फरार है वह पुलिस की जद से बाहर नहीं है। जब पुलिस उन्हें पकडऩा चाहेगी पकड़ लेगी। फिलहाल पुलिस का पूरा ध्यान इस नए किस्म के घोटाले की जाँच और उसकी नींव को मजबूत करने पर केंद्रित है। जाँच मजबूती से हो जाएगी तो इस मामले के दोषी कभी भी बच नहीं पाएंगे।
इनका कहना है
हमारा पूरा ध्यान इस घोटाले की जाँच को व्यवस्थित ढंग से करने, मजबूत साक्ष्य और सबूत एकत्रित करने पर केंद्रित है। जाँच कर रही पूरी टीम इसी कार्य में लगी है। 51 आरोपियों में से 21 आरोपी को हम पकड़ चुके हैं। जो फरार है उनकी भी तलाश की जा रही है उन्हें भी जल्द पकड़ लिया जाएगा। पुलिस के समक्ष इस प्रकार का घोटाले वाला प्रकरण पहली बार आया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी मामले के कुछ बिंदुओं पर जाँच में मदद ली जा रही है। ताकि जाँच को सही दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
आदित्य प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक, जबलपुर
