मामला जनपद पंचायत मंडला का
मण्डला (जय लोक)।
शासकीय धन का दोहन कैसे किया जाता है या मंडला जिले की पंचायत में देखने को मिल जाएगा फर्जी मटेरियल के बिल लगाकर कल लाखों रुपए का भुगतान आपस में मिल बाठ कर किया जा रहा है अब तो इनके हौसले और भी बुलंद हो चुके हैं जब से जीएसटी नंबर के बिलों की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है इनके हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि फर्जी जीएसटी नंबर बिल में अंकित कर लाखों रुपए के भुगतान की राशि सप्लायर द्वारा प्राप्त की जा चुकी है ऐसा ही मामला मंडला जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत मव ई जर में देखने को मिला मटेरियल सप्लायर महेश कुमार यादव मुस्कान ट्रेडर्स पता आई टी आई रसैया दोना मंडला के मालिक हैं उनके बिलों में जीएसटी नंबर 23 ए ए ए सी सी 2498 श्च4 58 दर्ज है जीएसटी पोर्टल पर ईस नंबर का सत्यापन करने के उपरांत पता चला कि यह जीएसटी नंबर सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के नाम पर दर्ज है पता अरेरा हिल्स भोपाल इनके द्वारा 20 2 2024 को 25000 का आहरण किया गया 22 दो 2024 को 30000 36000 25 2 2024 33000 28 2 2024 99576 29 2 2024 97800 4 3 2024 45000 दिनांक 6 4 2024 29700 दिनांक 7 4 2024 22 00 दिनांक 11 4.2024 52458 11 4 336 00 दिनांक 11.4.2024 28000 दिनांक 12 4.2024 99 00 दिनांक 12 4.2024 29700 की राशि का आहरण किया गया कुल राशि 551874 का आहरण मुस्कान ट्रेडर्स द्वारा किया गया ग्राम पंचायत में जीएसटी सलाहकार के लिए वकील रखे जाते है जिन्हें हर महीने एक मुस्त राशि का भुगतान भी किया जाता है ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी की तरफ जीएसटी सलाहकार का ध्यान क्यों नहीं गया गया या इस पूरे खेल में सब शामिल है शासन को लाखों रुपए का नुकसान मिल बाट के किया जा रहा है जब जनपद पंचायत मंडला के अंतर्गत यह खेल चल रहा है पूरे जिले का हाल क्या होगा आगे और भी पंचायत के बारे में हम इस खेल के बारे में बताएंगे अब देखना यह है कि इस तरफ क्या जीएसटी अधिकारी का ध्यान जाता है जनपद पंचायत सीईओ का ध्यान जाता है मंडला जिले की कलेक्टर मैडम का ध्यान जाता है इनके ऊपर क्या कार्रवाई होगी या आगे भी ऐसा खेल चलता रहेगा।