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Home » अपराध » सुसाइड नोट, मृत्यु पूर्व बयान दर्ज फिर भी आरोपियों को नहीं पकड़ रही पुलिस : विवेचक अधिकारी आरोपी के पिता से पैसे लेते हुआ कैमरे में कैद, परिजनों ने घेरा थाना

सुसाइड नोट, मृत्यु पूर्व बयान दर्ज फिर भी आरोपियों को नहीं पकड़ रही पुलिस : विवेचक अधिकारी आरोपी के पिता से पैसे लेते हुआ कैमरे में कैद, परिजनों ने घेरा थाना

जबलपुर (जयलोक)। विगत 15 मई को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपने किराएदारों की प्रताडऩा से त्रस्त होकर जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया। मृतक ने सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें चार आरोपियों के नाम का स्पष्ट उल्लेख किया और उनसे मिल रही प्रताडऩा का भी स्पष्ट उल्लेख किया। निजी अस्पताल में भर्ती होने पर बुजुर्ग के मृत्यु पूर्व बयान भी दर्ज हुए थे जिसे पुलिस के अधिकारियों ने लिपिबद्ध किया था। लेकिन इसके बावजूद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। एक बार नहीं दो बार मृतक के परिजनों ने ही आरोपियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया लेकिन पुलिस ने थाने से कुछ ही घंटे में उन्हें छोड़ दिया। खमरिया फैक्ट्री से 2019 में सेवानिवृत हुए पूर्व अधिकारी काशी प्रसाद रजक के पुत्र सुरेन्द्र रजक ने बताया कि उनके पास वीडियो उपलब्ध है जिसमें कि इस प्रकरण का विवेचना कर रहे पुलिस अधिकारी आरोपी के पिता से पैसे लेते हुए साफ  नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में हम इंसाफ  की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। पुलिस के रवैये और आरोपियों को बचाने  का आरोप लगाते हुए कल रजक समाज के लोगों ने सिविल लाइन थाने का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया। मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके पास व्हाट्सएप चैट से लेकर सुसाइड नोट और प्रताडऩा से त्रस्त होकर आत्महत्या करने वाले बुजुर्ग पिता का वीडियो भी है। जिसमें वह साफ  तौर पर मनोज उसकी पत्नी नीलू उसके भाई मनीष और प्रदीप मिश्रा के द्वारा की जा रही प्रताडऩा, वाद विवाद और दी जा रही जान से मारने की धमकी का उल्लेख कर रहे हैं। लेकिन इस सबके बावजूद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में पीछे हट रही है। जिस 38 साल के एक आरोपी को मृतक के परिजन पकड़ कर थाने लाए थे और उसे पुलिस के हवाले किया था उसे भी थाने से यह कहते हुए छोड़ दिया गया की गर्मी अधिक है और अगर कहीं वह 38 साल का युवक गर्मी से थाने में मर गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेेगा।  जबकि इस दौरान उनकी प्रताडऩा से त्रस्त बुजुर्ग निजी अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच में संघर्ष कर रहा था और पुलिस के अधिकारी दो तीन बार अस्पताल में उनकी बिगड़ती हालत खुद देख चुके थे। डॉक्टरों ने भी उन्हें उनकी गंभीर होती स्थिति के बारे में अवगत करा दिया था इसके बावजूद भी हाथ आए आरोपी को पुलिस ने क्यों छोड़ दिया यह बड़ा प्रश्न बना हुआ है। अपने पिता की मृत्यु के बाद पूरा रजक परिवार इंसाफ  पाने के लिए पुलिस थाने के चक्कर लगा रहा है। पुलिस का व्यवहार और आरोपियों के प्रति पुलिस का रवैया कई प्रकार के संशय उत्पन्न कर रहा है।यह मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में भी आ चुका है अब रजक परिवार को इंसाफ  की उम्मीद है। रजक परिवार का कहना है कि अगर उन्हें पुलिस के माध्यम से इंसाफ  नहीं मिला तो वह हर स्तर पर इस बात को उठाएंगे और मुख्यमंत्री से भी इंसाफ  की गुहार लगाएंगे।

इनका कहना है
इस मामले में जिस व्यक्ति का नाम सुसाइड नोट में लिखा हुआ है उसकी तलाश जारी है। मामला दर्ज कर लिया गया है। आगे की जाँच की जा रही है।

धीरज राज
सिविल लाईन थाना प्रभारी

Jai Lok
Author: Jai Lok

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