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स्कूल नहीं, व्यापार चल रहे हैं…30 प्रतिशत तक अधिक वसूली गई 2.14 करोड़ की फीस का निर्णय लेगी समिति, अनियमित हुई तो हो सकती है फीस वापस

प्रदेश में पहली बार कलेक्ट ने की खुली सुनवाई, कई अनियमिताएँ आईं सामने

जबलपुर (जय लोक)। शिक्षा माफिया को रोकने के तहत शुरू हुई कार्यवाही के संबंध में अभिभावकों की ओर से निजी स्कूलों द्वारा बेतहाशा बढ़ाई गई फीस को भी प्रमुख रूप से जांच में शामिल किया गया है। प्रदेश में पहली बार खुली सुनवाई के माध्यम से कल कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के समक्ष समस्याओं को सुना और दोनों पक्षों से चर्चा की। फीस वृद्धि के मामले में सामने आए तथ्य के आधार पर कलेक्टर ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप लोग स्कूल नहीं व्यापार चला रहे हैं।  लेकिन अब ऐसा नहीं होगा शिक्षा के मंदिर को बदनाम नहीं होने दिया जाएगा । नियमों का पालन हर हाल में करना होगा । अभिभावकों को लूटने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी।
कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित हुई खुली सुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला कोषालय अधिकारी सुश्री विनायक लाकरा आदि की उपस्थिति में संत अलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की सभी शाखाएं और स्टेम्प फील्ड स्कूल के प्रबंधक और प्राचार्य की मौजूदगी में अभिभावकों के सामने यह खुली सुनवाई आयोजित हुई।
पूरी सुनवाई के दौरान कई प्रकार की अनियमिताओं की शिकायतें सामने आईं इसके अलावा सबसे प्रमुख बात जो सामने आई है वह यह है कि सेंट अलॉयसियस स्कूल पोलीपाथर के द्वारा पिछले सत्र 2022-23 और सत्र 2020-21 की तुलना में 26.62 प्रतिशत से 19 प्रतिशत तक की फीस में बढ़ोतरी कर दी गई। यह बात भी सामने आई की 2110 छात्रों से कुल 2 करोड़ 14 लाख 17 हजार 130 रुपए अधिक वसूल किए गए। इसके साथ ही वैकल्पिक किताबों को भी अनिवार्य बताकर अभिभावकों पर इसकी खरीदी का दबाव बनाया गया। इन विषयों पर जब सवाल जवाब हुए तो स्कूल प्रबंधन जवाब देने में असमर्थ हो गया। कलेक्टर दीपक सक्सेना पूर्व में भी कह चुके हैं कि अगर नियम विरुद्ध तरीके से फीस वृद्धि की गई है तो ऐसी स्थिति में बच्चों को वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस भी करवाई जा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह आदेश पूरे देश के लिए एक नजीर बनेगा क्योंकि शिक्षा माफिया की पीड़ा पूरे देश में है।
प्रदेश की पहली खुली सुनवाई
इस प्रकार से शिक्षा माफिया और मोनोपॉली का तंत्र खत्म करने के लिए खुली सुनवाई का पहला आयोजन जबलपुर में किया जा रहा है। आने वाले दिनों में अन्य स्कूलों को भी स्कूली सुनवाई का सामना करना पड़ेगा। जहाँ पर वाजिब तरीके से फीस बढ़ाई गई, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन जिन्होंने नियम विरुद्ध जाकर प्रक्रिया का पालन न करते हुए फीस वृद्धि की है उन्हें कार्यवाही का सामना करना होगा।
फीस वृद्धि के अपने नियम और प्रक्रिया
स्कूलों को फीस वृद्धि करने के लिए एक निश्चित नियमावली और प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होता है। अगर स्कूलों द्वारा नियमित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया है तो वह कार्यवाही के दायरे में आ जाते हैं। फीस वृद्धि करने के बाद स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला समिति को जानकारी देना आवश्यक है। यदि फीस 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ाई गई है तो इसकी सूचना राज्य स्तरीय समिति को देकर अनुमति प्राप्त करना जरूरी है। समिति की समक्ष यह बताना भी जरूरी है कि आखिर फीस वृद्धि करने का औचित्य क्या है। स्कूल प्रबंधन की ओर से अपनी सफाई में कहा गया कि यह फीस करोना काल के बाद बढ़ाई गई जिस पर अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति को सूचित करना और औचित्य बताना अनिवार्य है ऐसा नहीं किया गया है इसलिए यह नियम विरुद्ध है और इस पर कार्यवाही होगी।

सुनवाई विकल्प निकालने का मार्ग, बच्चों

पर नहीं पडऩा चाहिए कोई फर्क

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बहुत ही स्पष्ट लहजे में स्कूल प्रबंधकों को हिदायत देते हुए यह समझाया कि यह खुली सुनवाई का आयोजन इस समस्या का विकल्प निकालने के लिए किया जा रहा है अभिभावकों को लूट से बचाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करवाना प्रशासन का कार्य है। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के ऊपर किसी भी प्रकार से इस सुनवाई का विपरीत असर नहीं पडऩा चाहिए स्कूल की कक्षाओं तक इस सुनवाई का असर नहीं जाना चाहिए।
अतिरिक्त चार्ज और वैकल्पिक पुस्तकों  को अनिवार्य कर लिए पैसे
कुछ शिकायतों में यह बात भी सामने आई है कि कुछ निजी स्कूलों द्वारा अलग-अलग मदों के अतिरिक्त चार्ज के नाम पर और वैकल्पिक पुस्तकों को अनिवार्य कर भी पैसे वसूल करने का कार्य किया गया है इन बिंदुओं पर भी सुनवाई हुई है जिस पर समिति जल्द ही अपना निर्णय लेगी।
पृथक से भी कराई गई है जाँच : मिशा सिंह
अपर कलेक्टर मिशा सिंह ने जय लोक से चर्चा करते हुए बताया कि खुली सुनवाई के दौरान जो भी शिकायतें सामने आई थी उन पर चर्चा हुई है। कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासन ने पूर्व में ही प्राप्त शिकायतों के आधार पर पृथक से जाँच करवाई है। इस जांच रिपोर्ट को भी खुली सुनवाई के दौरान सामने रखा गया है। फीस वृद्धि के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। नियमों का अभाव बताकर फीस वृद्धि का स्पष्टीकरण देने से बचने का प्रयास भी प्रतीत हो रहा है। इस वृद्धि का औचित्य बताना हर हाल में अनिवार्य है। कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई सुनवाई में जो जाँच बिंदु फीस वृद्धि, अन्य मदों की राशि, पुस्तकों से संबंधित सामने आये हैं उस पर समिति जल्द कार्यवाही का निर्णय लेगी।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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