कोलकाता, पुणे, अहमदाबाद के लिए लगातार हो रही उड़ान की माँग
जबलपुर (जयलोक)। जिले का डुमना विमानतल सभी आधुनिक सेवाओं के साथ सुसज्जित होने के बावजूद भी जबलपुर संभाग के लोगों को वैसी सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है जिस मुख्य उद्देश्य से इसे विकसित किया गया है। बीच में एक दौर आया था जब जबलपुर देश के लगभग चारों कोनों से हवाई यात्रा के माध्यम से जुड़ गया था। लेकिन वर्तमान स्थिति में जबलपुर के हवाई अड्डे से हवाई उड़ानों का अकाल पड़ गया है। ऐसा नहीं है कि जबलपुर में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या कम है।
निजी विमान कंपनियां अपने मुनाफे और सुविधा के अनुरूप यहां से फ्लाइट चालू और बंद कर रही हैं। जिसका सीधा प्रभाव जबलपुर और संभाग के अन्य जिलों के हवाई यात्रियों पर पड़ रहा है। हाल ही में स्पाइसजेट ने जबलपुर विमानतल से अपना कार्यालय भी बंद कर दिया और संचालित की जा रही उड़ानों को भी बंद कर दिया गया। मुंबई, दिल्ली की उड़ाने बंद होने से बहुत बड़ी संख्या में व्यापारियों और नौकरी पेशा लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हवाई सेवा में हो रही लगातार कटौती के बाद शहर के सभी जनप्रतिनिधियों पर इन सेवाओं को पुन: प्रारंभ कराने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है।जनता के बीच में उपलब्ध रहने वाले जनप्रतिनिधियों को हर वर्ग से इस बात की शिकायत मिल रही है कि हवाई सेवाओं का गिरता ग्राफ जबलपुर के विकास में बड़े अड़ंगे के रूप में देखा जा रहा है।
एक दौर था जब जबलपुर को सीधी वायु सेवा से पुणे, चेन्नई, अहमदाबाद एवं कोलकाता दिल्ली, इंदौर आदि स्थानों से हवाई सफर से जोड़ दिया गया था। लेकिन निजी विमान कंपनियों के नफे नुक्सान के गणित के कारण एक बार फिर बहुत सारी हवाई उड़ाने बंद हो गई हैं। वायु सेवा संघर्ष समिति एक बार पुन: अपनी संघर्ष यात्रा आरंभ करने जा रही है। समिति की एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई जिसमें बड़ी संख्या में नगर के प्रबुद्धजनों ने शिरकत की तथा एक स्वर में जबलपुर को अन्य शहरों से सीधी वायु सेवा से जुड़वाने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। हिमांशु खरे ने बताया कि जबलपुर, मुंबई, हैदराबाद एवं बेंगलुरु से जुड़ाव स्थापित हो पाया है। परंतु जबलपुर को पुन: पुणे, चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता से जोडऩे की दरकार है क्योंकि इन शहरों से जबलपुर का कनेक्शन रहा है।अब विभिन्न स्तरों पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री एवं राज्य मंत्री को जबलपुर की वायु सेवाओं की दुर्गम स्थिति के बारे में बताया जाएगा एवं उनसे सीधी वायु सेवा के लिए मांग की जाएगी। समिति सदस्यों ने कहा कि जबलपुर में बड़ी आईटी कंपनियां निवेश हेतु तैयार हैं लेकिन पुणे, चेन्नई से सीधी वायु सेवा न होने से वे यहां आने में कतरा रही हैं। समिति के सदस्यों ने कहा कि स्पाइसजेट कंपनी द्वारा जबलपुर से अपनी सभी वायु सेवाएं बंद करना दुर्भाग्य जनक है। उन्होंने कहा की संघर्ष समिति अन्य विमानन कंपनियां से बात करेगी तथा जबलपुर को अन्य शहरों से जोडऩे अपना प्रस्ताव रखेगी।