जबलपुर (जय लोक)।एक महिला शिक्षक उसके पति और बेटी पर एक 30 साल के युवक ने आरोप लगाते हुए गोरा बाजार थाना में लिखित शिकायत दी है कि इन लोगों ने अतिथि शिक्षक की नौकरी लगने के नाम पर उसे ठग लिए और फर्जी नियुक्ति पत्र भी इसे थमा दिया। इस पूरे मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। थाना गोराबाजार में शिल्पेश शिवहरे उम्र 30 वर्ष ने शिकायत दर्ज करवाई कि वो स्वर्णभूमि छग्गर फार्म राजुल टाउनशिप तिलहरी के निवासी है वहां पर उनका परिचय सुप्रीत कौर, शासकीय शिक्षिका हरजीत कौर बेदी एवं मनजीत सिंह बेदी के परिवार से कई वर्ष पुराना है।
पीडि़त ने पुलिस को बताया कि कोरोना काल के बाद से मेरी आर्थिक स्थिति बद से बत्तर हो गई थी। मैं कोई अच्छी नौकरी या विकल्प को तलाश रहा था और इसी बीच मनजीत सिंह बेदी एवं उनकी धर्मपत्नी हरजीत कौर बेदी ने मुझे यह बताया कि वह मेरी कोई अच्छी नौकरी लगवाने में सहायता कर सकते हैं और उनका बेटा विदेश में रहता है, तो वह मुझे विदेश भी भेज सकते हैं। हरजीत कौर वेदी ने मुझे यह कहा कि वह मेरी किसी अच्छे स्कूल में अतिथि शिक्षक की नौकरी लगवा देगी। उन्होंने मुझे यह भी आश्वासन दिया था कि संभवत: मेरी नौकरी शासकीय स्कूल में होगी जो कुछ वर्षो पश्चात पक्की हो जाएगी, उन्होंने बताया कि लगभग 5 से 7 लाख रुपए का खर्चा आएगा, पैसा देने पर वह लगभग 1 वर्ष में नौकरी लगवा देंगे और उनकी बातों में आकर लगभग 18 महीने पहले दिनांक 11 मार्च, 2023 को बिलहरी स्थित अपने मित्र विशाल गुप्ता की दुकान ‘नर्मदा स्वीट्स’ के पास बुलाकर 3 लाख रूपये हरजीत कौर बेदी, मनजीत सिंह बेदी और उनकी बेटी सुप्रीत कौर को दे दिए।
गणित और विज्ञान कक्षा की किताबें पढऩे बोला
पीडि़त महिला ने बताया कि कुछ दिन तक उन्होंने मुझे यह बोला कि तुम गणित और विज्ञान कक्षा पांचवी से लेकर आठवीं तक की किताबें खरीद कर पढ़ाई करो और जैसे ही तुम्हारे जॉइनिंग की तिथि निकट आएगी तो हम तुम्हें इंटरव्यू इत्यादि के बारे में बता देंगे। क्योंकि हरजीत कौर बेदी पहले से ही स्कूली शिक्षिका थी, तो मेरे को उनकी बात पर सरलता से विश्वास हो गया।
लगभग 3 महीने बाद उन्होंने मुझे 2 लाख और देने की मांग की, कि अब जॉइनिंग कभी भी हो सकती है, तो आप 2 लाख की रकम जमा कर दें। तब मैंने उनसे यह प्रश्न किया कि मैं आपको यह 2 लाख रूपये बड़ी मुश्किल मे कहीं में व्यवस्था करके दे पाऊंगा, लेकिन मेरी एक शंका इस बात की है कि क्या गारंटी है कि मेरी नौकरी जल्द से जल्द लग जाएगी और मेरा पैसा सुरक्षित रहेगा। यदि किसी कारणवश मेरी नौकरी नहीं लग पाई तब क्या होगा। तब उनकी बेटी सुप्रीत कौर ने मुझे यह कहा कि शिल्पेश जी आप हमसे अगले वर्ष का एक चेक 5 लाख का ले लीजिए यदि किसी कारण से हम आपकी नौकरी नहीं लगवा पाते, तो आप इस चेक को कैश करा लीजिएगा। 18 जून शिल्पेश ने अपने मित्र पलाश तिवारी के साथ जाकर 2 लाख रूपये और दे दिए।
पकड़ा दिया फर्जी जॉइनिंग लेटर
लगभग 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी जब मेरी जॉब नहीं लग रही थी और सुप्रीत कौर से भी मेरा संपर्क नहीं हो पा रहा था तब मैंने उनके घर लगातार जाना शुरू किया काफी दबाव बनाने के बाद इन्होंने मुझे जून माह के आखिरी सप्ताह में अपने घर के पास बुलाया जहां मैं श्याम मामा जी के साथ गया जहां इन्होंने मुझे एक शासकीय जॉइनिंग लेटर प्रदान किया जो दो पन्नों का था मुझे बहुत खुशी हुई कि अब मेरी जॉइनिंग हो जाएगी। इन्होंने लेटर देने के समय मुझे यह भी कहा कि आप दिसम्बर माह के पहले सप्ताह में जाकर अपना वैरिफिकेशन वगैरह सब करके जॉइनिंग की प्रक्रिया कर लीजिएगा और दिसंबर या जनवरी माह तक आपको जॉइनिंग मिल जाएगी और लेटर देने के समय इन्होंने मुझे यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि इसकी चर्चा अभी बाहर किसी से नहीं करना, क्योंकि यह गोपनीय दस्तावेज है। एक दिन मैंने मेरे परिचित के एक शासकीय शिक्षक से यह पूछा कि अतिथि शिक्षक की नौकरी कितने सालों बाद पक्की हो जाती है और कुछ अन्य प्रश्न अपनी जिज्ञासावश पूछे, तो उन्होंने मुझे बताया कि अभी अतिथि शिक्षक की जॉइनिंग कुछ समय के बाद शुरू होगी उसके लिए एक शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा देनी होती है और क्च.श्वस्र. ष्ठ.श्वस्र जैसे इत्यादि डिग्री ग्रेजुएशन के अतिरिक्त लगती है। इस बात इस मुझे लेटर पर संदेह हुआ। मैंने उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जाँच करनी शुरू की और इसी के कारण स्थानीय शिक्षा विभाग जो की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समीप है वहां पर भी गया तो मुझे यह पता लगा की मुझे जो उन्होंने दस्तावेज दिए हैं वह पूर्ण रूप मे फर्जी एवं झूठे हैं।
बेटा भाग गया कनाडा, रिटायर होने वाली है हरजीत
पीडि़त ने कहा कि हरजीत कौर बेदी का अगले एक या दो माह में रिटायरमेंट है और इनका बेटा पहले से ही कनाडा भाग चुका है और बेटी भी लगभग 8-10 महीने से गायब है और यह धोखेबाज पति-पत्नी भी अपने बेटे के पास कनाडा भागने की फिराक में है इसके कारण यह लोग सिर्फ मेरा समय बर्बाद कर रहे थे ताकि रिटायरमेंट के बाद यह विदेश भाग जाए और जो 24 अगस्त 2024 का चेक है वो भी 3 महीने बीत जाने पर वैध नहीं रहता और मेरे पैसे के लिए मैं इनको परेशान ना कर सकूं। मैंने सम्पूर्ण दस्तावेजों की जाँच करने पर पाया कि सभी दस्तावेज फर्जी है और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही मैंने उनका दिया हुआ बैंक ऑफ बड़ौदा का चेक दिनांक 06.09.2024 को मैंने अपने एसबीआई बैंक, शाखा-कटंगा में जमा कर दिया, जो कि मुझे सोमवर को बैंक द्वारा पता चला कि यह चेक बांउस हो गया है।