जबलपुर (जयलोक)।
कानून के साथ कानून के रक्षक ही अगर खिलवाड़ करें और किसी को लाभ पहुंचाने का प्रयास करें तो यह मामला कुछ समय तक तो दब सकता है लेकिन न्यायालय में जाने के बाद ऐसा कृत्य करने वाले अधिकारियों की नौकरी पर बन आती है। कैंट थाना क्षेत्र में पदस्थ रहे एक टीआई वर्तमान में इसी स्थिति में उलझते हुए नजर आ रहे हैं। तत्कालीन थाना प्रभारी कैंट क्षेत्र पर यह आरोप है कि एक मामले में उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एक पक्ष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मामले में खात्मा कार्यवाही कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी। इसको चुनौती देने के लिए एक परिवार वाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति गिरीश दीक्षित की अदालत ने कैंट थाने में पदस्थ रहे थाना प्रभारी विजय तिवारी के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया है।
प्रकरण के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जबलपुर निवासी अधिवक्ता मौसम पासी ने परिवार वाद दायर कर बताया था कि केंट बोर्ड कार्यालय में पदस्थ एक स्वास्थ्य निरीक्षक अभिजीत सिंह परिहार ने 4 साल पहले सन 2020 में शासकीय वाहन से उसे कुचलने की नाकाम कोशिश की थी। पीडि़त ने बताया कि इसकी शिकायत कैंट थाने में 7 नवंबर 2020 को की गई थी। दूसरे पक्ष ने भी शिकायत दर्ज की थी जिसके कारण कैंट थाना पुलिस ने काउंटर कैसे बना लिया था। अधिवक्ता के अनुसार थाना प्रभारी विजय तिवारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कैंट थाने की ओर से केस में खात्मा लगाकर रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी। इस मामले में अदालत ने नए सिरे से जांच के निर्देश दे दिए थे। जारी हुए जमानती वारंट को पुलिस अधीक्षक के माध्यम से तामीली सुनिश्चित करने के निर्देश के बावजूद भी वारंट तामील नहीं हुआ जिस पर न्यायालय ने नाराजगी भी व्यक्त की है और अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को निर्धारित की है।