राजनीति का हुई शिकार, 6 महीने पहले भी दुकान तोडऩे की हुई थी कोशिश
जबलपुर (जयलोक)। नगर निगम के अतिक्रमण विभाग ने कल पांडे चौक के दीक्षितपुरा स्कूल की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित एक दुकान पर अचानक कार्यवाही कर दी और उक्त दुकान को अवैध निर्माण और अतिक्रमण की जद में होने का हवाला देते हुए तोड़ दिया गया। दुकान विक्रम सिंह ठाकुर नामक युवक की है। विक्रम सिंह पूर्व में भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ मंडल के मीडिया प्रभारी भी रह चुके हैं। विक्रम का कहना है कि वह लगातार भाजपा का कार्य करते हैं जिसके कारण अन्य विरोधी दलों के लोग उनसे द्वेष पूर्ण भाव रखते हैं। उनकी दुकान 60 साल से भी अधिक पुरानी है। वह इस जगह का नगर निगम को लंबे समय से किराया भी अदा करते आ रहे हैं जिसकी रसीद भी उनके पास उपलब्ध है। 6 महीने पहले भी कुछ दूसरे राजनैतिक दल के लोगों ने गलत शिकायत करके उनकी दुकान को तुड़वाने का प्रयास किया था। राजनीतिक द्वेष पूर्ण भाव से लगातार यह कार्रवाई की जा रही थी। 6 महीने पहले भी भाजपा के बड़े नेताओं ने जिसमें सांसद, नगर अध्यक्ष, निगम अध्यक्ष जैसे प्रभावित लोगों ने भी फोन करके नगर निगम के अधिकारियों को बिना जाँच पड़ताल और ठोस कारण के कार्यवाही करने से मना किया था। इसके बाद यह कार्रवाई टल गई थी। कल अचानक नगर निगम का अतिक्रमण विभाग एक अमला यहां पहुँचा और संबंधित पक्षकार के आने से पहले ही और सुनवाई का मौका दिए बगैर ही दुकान को तोड़ दिया।अब इस अतिक्रमण की कार्यवाही को पूर्ण रूप से राजनीतिक द्वेष से जोडक़र देखा जा रहा है। पूरे क्षेत्र में इस बात की चर्चा अधिक है कि भाजपा के कार्यकर्ता और पूर्व पदाधिकारी होने के बावजूद भी राजनीतिक द्वेष के कारण इस दुकान को निशाना बनाया गया। पीडि़त पक्ष का कहना है कि भाजपा के बड़े पदाधिकारी के फोन करने के बावजूद भी इस कार्यवाही को अंजाम दे दिया गया। विक्रम सिंह का कहना है कि पूर्व में नगर निगम ने जो नोटिस जारी किया था उसके आधार पर उन्होंने अपना पक्ष रखा था। विक्रम सिंह का कहना है कि उक्त संपत्ति से संबंधित प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन भी है। विक्रम सिंह का कहना है की कार्रवाई के बाद जब नगर निगम के दल से दुकान तोडऩे के आदेश की मांगी गई तो भी निगम कर्मचारियों ने वह उपलब्ध नहीं कराई। इस मार्ग पर और भी अन्य लोगों के अवैध अतिक्रमण है अगर नगर निगम का अतिक्रमण विभाग पूर्ण निष्पक्षता से कार्यवाही कर रहा था तो फिर इसी मार्ग पर मौजूद अन्य अतिक्रमण को क्यों नहीं तोड़ा गया। इस मामले में अतिक्रमण विभाग के प्रभारी सागर बोरकर का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की शिकायत अवैध निर्माण और बिना नक्शे के रूप में किए गए निर्माण के संबंध में अतिक्रमण विभाग में हुई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने दुकान तोड़ी है। मौके पर संबंधित पक्ष ने कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए। लेकिन अब इस पूरे मामले के राजनीतिक एंगल सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है।