जबलपुर (जयलोक) । आसमान में उड़ते विमानों और फिल्मों में विमानों को उड़ाते पायलट को देखकर हर किसी का सपना होता है कि वे भी यह मुकाम हासिल करें। लेकिन यह सपना पूरा करना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन इसे शहर की एक युवती ने पूर कर दिखाया है, कई दिनों की मेहनत और दो सौ घंटे की उड़ान के बाद शहर की बेटी ने यह कर दिखाया है। इसके साथ ही शहर की पहली पायलट बनकर शहरवासियों के सामने एक उदाहरण भी पेश किया है कि सच्चे दिल से जो भी चाहो उसे कड़ी मेहनत से हासिल किया जा सकता है। ईशिता नया गांव सोसायटी निवासी श्री रजत भार्गव की सुपुत्री हैं।
छत्तीसगढ़ राजघराने और जबलपुर के समाजसेवी परिवार की बेटी ने नए साल में नया कीर्तिमान रचा है। 20 साल की ईशिता भार्गव ने शहर की पहली महिला पायलट बनने का कीर्तिमान रचा। शहर में जन्मी ईशिता भार्गव शहर की पहली कमर्शियल एयरक्राफ्ट पायलट बनी हैं। ईशिता भार्गव ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी रायबरेली से कमर्शियल एयरक्राफ्ट पायलट की ट्रेनिंग पूरी की है। 2021 बैच की इशिता ने 200 घंटे एयरक्राफ्ट उड़ाने की ट्रेनिंग ली है। ईशिता के पिता रजत भार्गव ने बताया कि 12वीं पास करने के बाद से इशिता ने पायलट बनने का सपना देखा और उसे आज पूरा भी कर लिया।
इतना आसान नहीं था पायलट बनने का रास्ता
इशिता भार्गव के पिता रजत भार्गव बताते हैं कि इशिता ने जब 12वीं पास करने के बाद पायलट बनने का सपना देखा तो परिवार में कुछ लोग ईशिता के इस फैसले से चिंतित भी थे। तो कुछ लोग ईशिता की हौसला अफजाई करने में लगे थे। तमाम राय शुमारी के बाद परिवार इशिता के फैसले के साथ खड़ा हुआ। बड़ी शिद्दत से इशिता को एयरक्राफ्ट पायलट बनने में न केवल उसकी हिम्मत बढ़ाई बल्कि मदद भी की।
3 साल की कड़ी मेहनत
ईशिता का चयन साल 2021 में अकादमी में हुआ था, जहां उन्होंने तीन सालों तक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण लिया। कुल 200 घंटे के उड़ान के अनुभव के बाद उन्होंने पायलट बनने का सपना पूरा किया। उनकी यह उपलब्धि जबलपुर और पूरे महाकौशल क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बन गई है।
शहर वासियों के लिए बनी प्रेरणा
ईशिता भार्गव ने जबलपुर के युवाओं के लिए एक नई मिसाल कायम की है। उनकी यह उपलब्धि यह साबित करती है कि अगर सही मार्गदर्शन और मेहनत हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। इशिता की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उनके परिवार, रिश्तेदारों और शहरवासियों में उत्साह का माहौल है। संस्कारधानी की इस बेटी ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
सिविल लाइन थाने का उप निरीक्षक पाँच हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया