जबलपुर (जयलोक) । शातिर ईनामी बदमाश किस्सू तिवारी को आखिरकार पुलिस ने अयोध्या से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुँचा था। पुलिस लंबे समय से आरोपी किस्सू उर्फ किशोर तिवारी की तलाश कर रही थी लेकिन वो पुलिस को चकमा दे रहा था। 1984 में आरोपी किस्सू तिवारी ने जबलपुर के एक युवक की हत्या की थी और शव को कटनी स्थित एक चूल्हाभट्टी में जला दिया था। इसी मामले में उसे न्यायालय से सजा हुई थी। कुछ समय जेल में रहने के बाद जमानत पर छूटा किस्सू तिवारी फरार हो गया था, तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
अब पुलिस उसे पकडक़र अपने साथ लेकर आ रही है। जबलपुर संभाग में ऐसे कई अपराधी संगीन मामलों में फरार घूम रहे हैं। अमित खम्परिया, अमित द्ववेदी सहित कई छोटे बड़े इनामी अपराधी हैं जो राजनैतिक संरक्षण या पुलिस की अनदेखी के कारण बचते चले आ रहे हैं। इनामी अपराधियों को पकडऩे के मामले में कटनी पुलिस जबलपुर पुलिस से आगे निकल गई। कटनी पुलिस ने अयोध्या से किस्सू तिवारी को गिरफ्तार कर लिया जबकि जबलपुर पुलिस के कई ऐसे फरार बदमाश और अपराधी है जो अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। किस्सू तिवारी को पकडऩे के लिए जबलपुर और कटनी पुलिस की पाँच टीमें बनाई गईं थी। लेकिन पाँचवी टीम जो कटनी पुलिस की थी उसे सफलता प्राप्त हुई। इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जबलपुर पुलिस ने ईनाम घोषित करने के साथ साथ मुखविर तंत्र भी सक्रिय किया। लेकिन इसमें भी जबलपुर पुलिस को सफलता मिलती नहीं दिख रही है।
कटनी का अपराधी किस्सू तिवारी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। विभिन्न धाराओं में स्थाई वारंटी और 55 हजार रुपये के इनामी बदमाश उप्र पुलिस की सहायता से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वह श्रीरामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुँचा था। कटनी और जबलपुर दोनों जिलों की पुलिस हत्या सहित अन्य मामलों में किस्सू की तलाश में जुटी हुई थी। इसी कड़ी में उसके अयोध्या में होने की सूचना मिली तो कटनी पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सहायता से उसे धर दबोचा।
दोनों पुलिस अधीक्षकों ने की थी संयुक्त बैठक
55 हजार रुपये का ईनामी बदमाश किस्सू उर्फ किशोर तिवारी की गिरफ्तारी के लिए एक दिन पहले ही सोमवार को जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह और कटनी पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने दोनों जिलों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली थी। दूसरे दिन मंगलवार को किस्सू तिवारी के उप्र के अयोध्या से गिरफ्तार कर लिया गया। किस्सू की गिरफ्तारी के लिए पांच टीम बनाई गई थी, ये पांचवी टीम थी जिसमें कटनी रंगनाथ नगर थाना प्रभारी नवीन नामदेव, झिंझरी चौकी प्रभारी महेंद्र जायसवाल बड़वारा थाना प्रभारी कौशल किशोर द्विवेदी शामिल थे। मुखबिर सूचना पर अयोध्या से गिरफ्तार किया गया।
अमित खंपरिया की जबलपुर पुलिस को तलाश
धोखाधड़ी, मारपीट, अपहरण सहित कई मामलों में फरार चल रहे अमित खम्परिया की गिरफ्तारी के लिए जबलपुर पुलिस ने कई जगह दबिश दी। जब मुखबिर तंत्र भी पुलिस के काम ना आ सका तो अमित खम्परिया की गिरफ्तारी के लिए ईनाम भी घोषित किया गया। लेकिन जबलपुर पुलिस अमित खम्परिया तक नहीं पहुँच सकी। कई दिनों से फरार अमित खम्परिया देश में है या देश छोडक़र फरार हो गया है इस बात की जानकारी भी पुलिस के पास नहीं है।
4 जिलों में 14 प्रकरण दर्ज, 33 हजार का ईनामी
अमित खम्परिया हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत, बलवा सहित कोर्ट से फर्जीवाड़ा करने के जैसे अनेक गंभीर मामलों में लंबे समय से फरार है। फरार अमित खम्परिया पर थाना मदनमहल में धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। थाना भेड़ाघाट में बलवा, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। थाना गढा में मारपीट, धमकी देने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। थाना लार्डगंज में महामारी अधिनियम और फजी दस्तावेज तैयार करने सहित साजिश रचने का प्रकरण दर्ज है। जिला कटनी के विजयराघवगढ थाना में चोरी, साजिश रचने और अवैध खनन का प्रकरण दर्ज है। जिला उमरिया के थाना मानपुर में मारपीट धमकी के 2 और कोतवाली में हत्या, हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज है। जिला मंडला के थाना खटिया में धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा के 2 अपराध दर्ज हैं। दोनों में 5-5 साल की सजा हो चुकी है। इस प्रकरण में पिता, मौसा व रिश्तेदार को बचाने कोर्ट में फर्जी लोगों पेश कर जेल भिजवाया गया था।
पिता पुत्र के हत्यारे प्रेमी प्रेमिका भी फरार
15 मार्च को सिविल लाइन में मिलेनियम कॉलोनी में हुई रेलवे अधिकारी पिता पुत्र की हत्या के मामले में भी पुलिस के हाथ खाली है। हत्या के मामले में फरार प्रेमी और उसकी 16 वर्षीय प्रेमी लगातार पुलिस को चकमा दे रहे हैं। हालांकि पुलिस उनकी जल्द गिरफ्तारी की बात तो कह रही है लेकिन सच्चाई यह है कि 21 वर्ष का युवक जबलपुर पुलिस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
हत्यारे चेला का अब तक नहीं मिला सुराग
इसी तरह तीसरा मामला गौरीघाट थाना क्षेत्र का है। यहां दूसरे जिले से आए एक संत की उसकी ही चेले ने हत्या कर दी। इस वारदात को करीब 6 वर्ष का समय बीत चुका है। लेकिन पुलिस अब तक हत्यारे को गिरफ्तार नहीं कर पाई।
मेडिकल से चोरी हुए बच्चे की फाईल बंद
इसी तरह चौथा मामला मेडिकल का है, यहां करीब 8 वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस बच्चा चोर गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जबकि बच्चा चोर गिरोह के दो सदस्यों की तस्वीर मेडिकल अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। यहां 8 वर्ष पूर्व एक महिला और एक युवक ने दो साल के बच्चे को चोरी किया था। आज तक ना तो बच्चे का पता चल पाया ना ही बच्चा चोर गिरोह के सदस्यों का।