नई दिल्ली (जयलोक)। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई और दिल्ली में चार जगहों पर छापेमारी की। यह छापेमारी 4,500 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसमें 50 लाख से अधिक निवेशकों को ठगा गया। यह घोटाला पैनकार्ड क्लब लिमिटेड (पीसीएल) और अन्य से संबंधित है। ईडी के मुताबिक, तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद किए गए। इनमें मुख्य आरोपी, दिवंगत सुधीर मोरवेकर के परिवार की विदेशी संपत्तियों का विवरण भी शामिल है। इन संपत्तियों से लीज रेंटल आय प्राप्त हो रही थी, जिसे जब्त कर लिया गया है। यहां बताते चलें कि आरोप है कि एम/एस पेनकार्ड ब्लब लिमिटेड और उसके निदेशकों ने तीन से नौ साल की निवेश योजनाएं चलाईं। अधिक रिटर्न, होटल डिस्काउंट और इंश्योरेंस का लालच देकर लोगों से पैसे एकत्र किए गए। सेबी और आरबीआई के नियमों को ताक पर रखकर ये योजनाएं चलाई गईं। आरोपियों ने संपत्तियों को बेचने की कोशिश की, जो अवैध धन से खरीदी गईं थीं।
अब आगे- ईडी इस मामले में विदेशी संपत्तियों की जांच कर रही है। कई नए आरोपियों के नाम सामने आने की संभावना है। निवेशकों के पैसों की रिकवरी और संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई तेज होगी। ईडी की इस छापेमारी के बाद निवेश घोटालों को लेकर सतर्कता बढ़ सकती है और अन्य कंपनियों की भी जांच हो सकती है।
इस तरह कस गया शिकंजा
एक अलग कार्रवाई में ईडी ने जालंधर में व्यूनॉव मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ सुखविंदर सिंह खरौर और उनकी पत्नी डिंपल खरौर को गिरफ्तार किया। यह मामला 3,558 करोड़ के क्लाउड पार्टिकल इन्वेस्टमेंट घोटाले से जुड़ा है। ईडी के अनुसार, सुखविंदर सिंह इस घोटाले के मास्टरमाइंड थे।
