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एसडीएम भी देख आये खुली आँखों से …..अब तो मान ले प्रशासन..शराब सिंडिकेट ने मचा रखी है लूट

जबलपुर (जय लोक)
करीब तीन महीनों से जिले में सक्रिय शराब माफिया ने सिंडिकेट बनाकर खुलेआम शासन के आँखों के सामने और प्रशसन की नाक के नीचे खुलेआम लूट खसोट मचा रखी है। इस प्रकार का एक जीता जागता उदाहरण विगत दिवस एक बार फिर से रांझी एसडीएम की कार्यवाही के दौरान भी सामने आया। एडीएम ने जाँच के दौरान देखा कि, यहाँ की शराब दुकान में देशी अंग्रेजी शराब खुलेआम बिक रही थी, लेकिन यहाँ पर भी अन्य दुकानों की तरह रेट लिस्ट कही भी नहीं लगाई गई थी। कुछ दिन पहले जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी आबकारी विभाग ने आकस्मिक रूप से एक शराब दुकान की जाँच की तो वहाँ पर एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बेचे जाना पाया गया था। ऐसे कुछ और भी मामले प्रकाश में आए हैं।
शहर के हर क्षेत्र में शराब सिंडिकेट  एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचने का काम खुलेआम कर रहा है। जैसे इसको इस लूट को अंजाम देने और शासन को राजस्व की हानि पहँुचाने की खुली छूट मिली हुई हो। बड़े आश्चर्य की बात है कि नगर के जनप्रतिनिधियों को भी इस खुलेआम चल रहे लूट के खेल के बारे में पूरी जानकारी है लेकिन वो इस बारे में चुप्पी साधकर बैठे है।
हकीहत जानना है तो अचानक खुद खरीदकर देख लें
सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन और आबकारी विभाग अगर ईमानदारी से कार्यवाही करना चाहते हैं तो अपने ईमानदार लोगों की दो -तीन टीमें अलग अलग बनाकर अचानक खुद ही शहर की शराब दुकानों से खुद भी शराब खरीद कर सचाई का पता लगा सकते है। चाहे तो बिल माँग कर भी देख लें, रेट लिस्ट भी नजरों से तलाश कर लें अधिकांश जगह घोटाला ही नजर आएगा। फिर प्रशासन में हिम्मत हो तो शराब सिंडिकेट के खिलाफ मजबूती से कार्यवाही करके दिखाए क्योंकि विगत तीन महीनों से लगातार यह लूट लगातार उजागर हो रही है लेकिन कार्यवाही सिर्फ नाम मात्र की हो रही है।
प्रशासन क्यों है मौन
तीन महीनों से अधिक समय से शराब सिंडिकेट हर दुकान से अधिक दाम पर शराब बेच रहा है। उपभोक्ता अगर शराब दुकान वालों से सवाल करे तो उटपटांग जवाब देते है और लडऩे के लिए खड़े हो जाते है। या तो खुलेआम साफ साफ कह देते है कि सिंडिकेट ऑफिस से रेट बढ़ाये गए है जा कर वहाँ बात कर लो। यह सब जानकारी होने के बाद भी प्रशासन इस पूरी लूट खसोट पर मौन क्यों है।
इनका कहना है
एमआरपी से अधिक पर शराब बेचे जाने की शिकायत मिलते ही कार्रवाही की जा रही है। एक माह में करीब दस से 12 दुकानों पर कार्रवाही की गई है। आगे भी यह कार्रवाही जारी रहेगी।
परमानंद कोरछे,
आबकारी थाना प्रभारी

Jai Lok
Author: Jai Lok

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