नई टीम बनेगी तो अधिक ऊर्जा से निकाल के आएंगे परिणाम, पुराने के खाते में कोई विशेष उपलब्धि नहीं
जबलपुर (जय लोक)। 4 सालों से क्राइम ब्रांच को अपनी बपौती मान चुके कई लोग इस मुगालते में थे कि वो एक अधिकारी के वरदहस्त होकर जिले का पूरा क्राइम ब्रांच चला रहे है। लेकिन जिले की पूरी पुलिस टीम को नई ऊर्जा के साथ सक्रिय करने में लगे पुलिस अधीक्षक संपत उपाधयाय ने क्राइम ब्रांच के 4 सालों के काले चिट्ठे को खंगाला और जो शिकायतें सामने आई उसके आधार पर यह निर्णय लिया गया अब क्राइम ब्रांच की पूरी नई टीम अपने मूल कार्य अपराध से निपटने और अपराधियों को पकडऩे का काम करेगी। ना की केवल खुद और कुछ अधिकारियों के लिए एटीएम मशीन के रूप इस पद और विभाग का उपयोग किया जायेगा।
क्राइम ब्रांच के 22 लोगों को लाइन भेजा गया है ये वो लोग है जो 4 साल से इस महत्वपूर्ण विभाग में जमे हुए थे लेकिन इसके खाते में कोई विशेष उपलब्धि दर्ज नहीं है। फरार इनामी अपराधी सालों से फरार है, बड़े अपराध के आरोपी फरार चल रहे है। लेकिन पुरानी क्राइम ब्रांच के लोग को केवल आर्थिक अपराध पर ध्यान केंद्रित करने का शौक था।
क्राइम ब्रांच में पदस्थ प्रभारी एएसआई से लेकर हवालदार सिपाही तक को पुलिस लाइन भेजना गया है। इनमें वीरेन्द्र प्रताप, अजय कुमार पांडे, राजवीर सिंह, अनीता पाठक, प्रीति पाठक, नीरज कुमार तिवारी, विजेन्द्र सिंह कसाना, मानस कुमार उपाध्याय, सादिक अली, अमित कुमार श्रीवास्तव, हरिशंकर गुप्ता, आरक्षक पूनम गौतम, दीपक रघुवंशी, शशांक कुमार तिवारी, सौरभ कुमार शुक्ला, मुकुल गौतम, दीपक मिश्रा, अभिदीप भट्टाचार्य, बालकृष्ण शर्मा, अभिषेक मिश्रा, अजय सिंह लोधी, सतीश डेहरिया शामिल है। इन लोगों में कुछ नाम ऐसे भी थे जो लगातार बड़े सटोरियों, जुआडिय़ों और बड़े इनाम के फरार रसूखदार अपराधियों से लगातार याराना निभाने के लिए बदनाम थे। दो तीन लोगों को एक वरिष्ठ अधिकारी का खास बताया जाता था और पूरी क्राइम ब्रांच को इन्हीं लोगों के इशारे पर चलाने की कोशिश की जाती थी। अब पुलिस अधीक्षक ने जंग लगे पुर्जों को हटा कर सुधार के लिए पुलिस लाइन में भेजा है। क्राइम ब्रांच की अब जो नई टीम बनेगी वो बेहतर परिणाम निकल कर देगी और फरार अपराधियों और बड़े अपराधियों पर भी कार्यवाही हो सकेगी।