मुंबई। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनके औरंगजेब को अच्छा प्रशासक बताने वाले बयान के बाद की गई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बयान को महाराष्ट्र की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया था और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
सपा विधायक अबू आजमी ने अपने बयान में कहा था कि इतिहासकार और लेखकों के अनुसार औरंगजेब एक अच्छा प्रशासक था। इस बयान के बाद भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई और कार्रवाई की मांग की। हालांकि, विवाद बढऩे के बाद अबू आजमी ने अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांग ली। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, मेरे शब्दों को तोड़-मरोडक़र पेश किया गया है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं उसे वापस लेता हूं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा था कि अबू आजमी का बयान अस्वीकार्य है और उन्हें निलंबित किया जाएगा। विधानसभा में भी इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ, जिसके बाद उनके निलंबन का फैसला लिया गया।
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। बीजेपी और शिवसेना नेताओं ने अबू आजमी पर निशाना साधते हुए इसे राज्य की संस्कृति और मराठा इतिहास का अपमान बताया। वहीं, सपा समर्थकों का कहना है कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। अबू आजमी पहले भी अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन इस बार मामला विधानसभा से निलंबन तक पहुंच गया, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। यह अलग बात है कि अबू आजमी इस पूरे मामले को लेकर माफी मांग चुके हैं, लेकिन सियासत रुकने का नाम नहीं ले रही है।
