जबलपुर, (जयलोक) । भंवरताल गार्डन के पास स्थित कल्चरल स्ट्रीट, जिसे पहले कलाकारों और शहर के कलाप्रेमियों के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया था, अब अराजकता और अव्यवस्था का शिकार बन चुका है। यह सडक़, जो पहले कला और संस्कृति के आयोजन स्थल के रूप में बनाई गई थी, अब वाहनों की पार्किंग और अन्य असामाजिक गतिविधियों के लिए उपयोग की जा रही है।
कल्चरल स्ट्रीट पर पहले के दिनों में कला कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन होता था, लेकिन समय के साथ और प्रशासन की अनदेखी के कारण यह स्थल पार्किंग की एक अघोषित जगह बन गई है। यह सडक़ अब न केवल शहरवासियों के लिए पार्किंग का स्थान बन चुकी है, बल्कि यहां नशेडी और आवारा लोग भी अक्सर इक_ा होते हैं।
साल भर अवैध पार्किंग
साल में एकाध बार ही यहां कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, लेकिन बाकी समय यह जगह किसी कार्यकर्म के बजाय पार्किंग के लिए इस्तेमाल होती है। स्थानीय व्यवसायिक प्रतिष्ठान, जैसे अस्पताल, होटल और दुकानदार, अपनी गाडिय़ों को यहां पार्क कराते हैं, और इसके लिए उनके सुरक्षा गार्ड और पार्किंग कर्मचारी भी तैनात होते हैं।
निगम की अनदेखी
कल्चरल स्ट्रीट पर पहले दोनों छोर पर बेरिकेटिंग की गई थी ताकि वाहन यहां प्रवेश न कर सकें। लेकिन नगर निगम की अनदेखी के चलते संग्रहालय छोर का बेरिकेट पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसके बाद से आसपास के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के ग्राहक अपनी गाडिय़ाँ यहां पार्क करा रहे हैं।
श्वानों के लिए बना सार्वजनिक पार्क
कल्चरल स्ट्रीट अब केवल पार्किंग का स्थान ही नहीं, बल्कि श्वानों के घूमने की जगह भी बन गई है। इस सडक़ पर लोग अपने कुत्तों को घुमाने के लिए लाते हैं, और इसके साथ ही श्वानों की गंदगी भी यहाँ फैलने लगी है। यही नहीं, विरोध करने पर कई बार कुत्ता प्रेमी आपस में लडऩे तक लगते हैं, जिससे और भी अव्यवस्था पैदा होती है।
प्रशासन की उदासीनता
कल्चरल स्ट्रीट पर हालात के बिगडऩे के लिए प्रशासन की उदासीनता जिम्मेदार है। इस महत्वपूर्ण स्थल की सही तरीके से देखरेख की जानी चाहिए थी, ताकि यह कला और संस्कृति के लिए एक समर्पित स्थान बना रहे। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही ने इसे एक अव्यवस्थापूर्ण और असुरक्षित स्थान में बदल दिया है।
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