किसकी शह पर आ रहे दूसरे प्रदेशों से सटोरिये
@परितोष वर्मा
जबलपुर (जय लोक)। क्रिकेट सट्टे का कारोबार अब हवाला कारोबार के साथ गठजोड़ कर के आगे बढ़ रहा है। महाकौशल का जबलपुर और कटनी सीधे तौर से दुबई से जुड़ गये हैं। पूर्व में भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने जबलपुर में एक बड़ी कार्यवाही की थी, जिसके अंतर्गत 1000 करोड़ रुपए के फर्जी लेनदेन और सट्टे के पैसे को हवाला के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए फर्जी कंपनियां बनाए जाने का बड़ा खुलासा हुआ था। उस वक्त 13 शेल कंपनियां पकड़ में आई थी। लेकिन जैसे ही पुलिस अधिकारी बदलते हैं उनकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। इसी वजह से पुरानी बड़ी गंभीर कार्यवाहियां भी दब कर रह जाती है।
अभी हाल ही में जबलपुर फिर उज्जैन में हुई पुलिस द्वारा क्रिकेट का सट्टा पकडऩे की गई कार्यवाही के दौरान यह बात तो पूरे प्रदेश में सामने आ चुकी है कि जबलपुर अब सटोरियों का एक प्रमुख अड्डा बन गया है। माढ़ोताल पुलिस ने क्रिकेट के सट्टे में जिन सटोरियों को पकड़ा था वे यूपी और बिहार के रहने वाले हैं। इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसकी शह पर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात के सट्टा कारोबारी जबलपुर में आकर काम कर रहे हैं। क्या इन्हें राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है? क्या इसी वजह से यह लोग बेखौफ होकर यहां काम कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि जबलपुर, कटनी, दुबई कनेक्शन में शामिल बड़े सटोरियों ने अपना एक गुट बना लिया है। इस गुट में गुजरात से आए हवाला करने वाले लोग भी जबलपुर में आकर बस गए हैं। अनुमानित तौर पर कहा जा रहा है कि सट्टे की काली कमाई को हवाला के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना के रोजाना कारोबार लगभग 20 करोड़ का है।
अभी हाल ही में उज्जैन जिले में लगभग 15 करोड़ रुपए नगद का सट्टा पकड़ा था। यह पूरी रकम सट्टे कारोबारी की थी। यहां पकड़े गए लोगों में भी पंजाब और राजस्थान राज्य के हैं जो की उज्जैन में आकर सट्टे का कारोबार कर रहे थे। कहीं ना कहीं यह सटोरिये आपस में जुड़े हुए हैं। सट्टे के पूरे काले कारोबार में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि जबलपुर संस्कारधारी में हवाले का कारोबार सट्टे के पैसे को अपने धंधे में शामिल नहीं करता था। लेकिन अब सट्टे के कारोबार में करोड़ों रुपए का लेनदेन होने लगा है और पैसे की लालच में गुजरात के रहने वाले कुछ हवाला कारोबारी संस्कारधानी में आकर बस गए हैं और यही लोग सटोरियों के पूरी काली कमाई का लेनदेन और पैसा मैनेज कर रहे हैं।
ज्वेलर्स की दुकान की आड़ में सट्टे का कारोबार
सूत्रों के अनुसार कटनी जिले के अंतर्गत दो बड़े सटोरिये ऐसे भी हैं जो की दिखाने के लिए तो ज्वेलर्स की दुकान खोल कर बैठे हैं लेकिन इसकी आड़ में करोड़ों रुपए का सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे हैं। कटनी पुलिस को उनके बारे में पूरी जानकारी है लेकिन कार्यवाही नहीं होना अपने आप में कई सवाल खड़े कर देता है।
महादेव ऐप के गुर्गे बैठे हैं शहर में
सट्टे की दुनिया में वर्तमान समय में तकनीक का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है। महादेव सट्टा खिलाने वाली एक ऐसी ऐप है जिसने पूरे देश के शहरों में अपने गुर्गे फैला दिए हैं। जबलपुर में भी महादेव ऐप के सट्टा कारोबार से जुड़े लोग आकर बस गए हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि यह कुछ रकम तो खातों में लेते हैं और फिर यहां से दुबई में बैठे अपने अकाउंट तक हवाला के माध्यम से पैसा पहुँचाने का काम किया जाता है। इस कार्य के लिए पूरा सिस्टम बना हुआ है।
गुजराती हवालियों के 400 ऑफिस
सूत्रों के अनुसार गुजरात के रहने वाले जो हवाला कारोबारी जबलपुर में आकर बस गए हैं, उनका अपने आप में बहुत बड़ा नेटवर्क है। सट्टा बाजार के लोगों के बीच में इस बात की जानकारी है कि इन लोगों के पूरे देशभर में करीब 400 ऑफिस हैं जो दुबई और अन्य देशों में बैठकर सट्टा खिलाने वाले लोगों के लिए काम कर रहे हैं।
गाड़ियों में बनवाए गए हैं स्पेशल बक्से
यह जानकारी भी निकाल कर सामने आई है कि कटनी जबलपुर अब सट्टा कारोबारी के लिए सबसे अनुकूल शहर बन गए हैं। कटनी जिले में कई उद्योगों को, व्यापारों को पहला चेहरा बनाकर उसके पीछे कई लोग सट्टे का कारोबार कर रहे हैं। करोड़ों रुपए की अवैध कमाई को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए स्कॉर्पियो, के्रटा, अर्टिगा जैसी गाडिय़ों का विशेष तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। जिनमें अलग से बक्से बनाने की जगह है। हवाला कारोबारी कटनी से जबलपुर और फिर अलग-अलग मार्गों से नागपुर नैनपुर रायपुर आदि स्थानों पर जाते हैं। पूरा पैसा किसी एक महानगर में एकत्रित करने के बाद इसे जरूरत के हिसाब से हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद सहित अलग-अलग स्थान पर भेजा जाता है।