Download Our App

Home » राजनीति » चुनाव महाराष्ट्र में है और वसूली हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में डबल हो गई है- प्रधानमंत्री

चुनाव महाराष्ट्र में है और वसूली हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में डबल हो गई है- प्रधानमंत्री

कांग्रेस की सरकार जिस राज्य में बन जाती है, वह राज्य गांधी परिवार के लिए एटीएम बन जाता है
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार दूसरे दिन रैली की। उन्होंने शनिवार अकोला में एक बार फिर एक हैं तो सेफ हैं। का नारा दिया। इससे पहले 8 नवंबर को नासिक और धुले की रैली में भी उन्होंने यह नारा लगाया था। आज अकोला की रैली में पीएम के निशाने पर एक बार फिर कांग्रेस ही रही। उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बारे में एक शब्द नहीं बोला। उन्होंने कहा- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 की वापसी की मांग हो रही है। कांग्रेस और उसके सहयोगी इसका समर्थन करते हैं। पाकिस्तान भी यही चाहता है।
कांग्रेस की सरकार जिस राज्य में बन जाती है, वह राज्य शाही परिवार (गांधी परिवार) के लिए एटीएम बन जाता है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सरकार का जिक्र किया। कहा- चुनाव महाराष्ट्र में है और वसूली इन राज्यों में डबल हो गई है।
राम मंदिर पर
एक बार फिर महायुति के लिए आर्शीवाद मांगने आया हूं। आज 9 नवंबर है, ये तारीख बहुत ऐतिहासिक है। आज ही के दिन 2019 में देश की सर्वोच्च अदालत ने राम मंदिर पर फैसला दिया था। 9 नवंबर की तारीख इसलिए भी याद की जाएगी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हर धर्म के लोगों ने संवेदनशीलता का परिचय दिया। ये राष्ट्र प्रथम की भावना है। पीएम ने जय श्री राम का नारा भी लगाया।
एक हैं तो सेफ हैं पर
कांग्रेस अच्छी तरह जानती है, जितना देश कमजोर होगा, उतना ही वे मजबूत होंगे। जब कांग्रेस मजबूत होगी, देश मजबूर होगा। कांग्रेस विभिन्न जातियों के बीच विभाजन पैदा करती है। इसने हमारी जातियों को कभी एकजुट नहीं होने दिया। अगर हमारी जातियां एकजुट नहीं रहेंगी और एक-दूसरे के साथ संघर्ष करती रहेंगी, तो कांग्रेस इसका फायदा उठाएगी। आपको सचेत रहना होगा। याद रखें, च्एक हैं तो सेफ हैं।
परिवारवाद पर
जहां कांग्रेस की सरकार बन जाती है, वो राज्य कांग्रेस के शाही परिवार का ्रञ्जरू बन जाता है। इन दिनों हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्य कांग्रेस के शाही परिवार के एटीएम बने हुए हैं। लोग बता रहे हैं कि इन दिनों महाराष्ट्र में चुनाव के नाम पर कर्नाटक में वसूली डबल हो गई है। चुनाव महाराष्ट्र में है और वसूली कर्नाटक, तेलंगाना में डबल हो गई है। आरोप है कि कर्नाटक में इन लोगों ने शराब दुकानदारों से 700 करोड़ रुपए कि वसूली कराई है।
आर्टिकल 370 पर
ये कौन लोग हैं जो 370 वापसी की मांग करते हैं। पाकिस्तान 370 का रोना रोता है। भारत विरोधी ताकतें 370 का समर्थन करते हैं। कांग्रेस भी वहीं भाषा बोलती है। जम्मू-कश्मीर में 370 लगाना, यहां हिंसा को फिर बढ़ावा देना है। ये अंबेडकर के कानून को बाहर निकालने वाला है। ये संविधान की किताब लहराने वाले कितने पापी लोग हैं, 75 साल से देश में जम्मू-कश्मीर का संविधान था, एक तरफ अंबेडकर का संविधान था। हम पूछते थे कि जम्मू-कश्मीर में संविधान लगेगा कि नहीं, इनके मुंह पर ताला लग जाता था।
कांग्रेस चाहती है कि स्ष्ट समाज की अलग अलग जातियां आपस में लड़ती रहें, झगड़ा करती रहे। क्योंकि वो जानती है कि स्ष्ट समाज की अलग अलग जातियां आपस में झगड़ती रहेगी, तो उनकी आवाज बिखर जाएगी, उनका वोट बिखर जाएगा और ऐसा होते ही कांग्रेस के लिए सरकार में आने का रास्ता बन जाएगा। ओबीसी नाम सुनते ही कांग्रेस चिढ़ जाती है, ओबीसी समाज की अलग से पहचान न बनें, इसलिए कांग्रेस ने भांति-भांति के खेल खेले हैं। पीएम मोदी ने 8 नवबंर की रैली में नासिक में कहा कांग्रेस पर सावरकर और बाला साहेब ठाकरे के अपमान का आरोप लगाया था। पीएम ने कहा था कि महाराष्ट्र की राजनीति में बाला साहब ठाकरे का योगदान अतुलनीय है, लेकिन कांग्रेस नेताओं के मुंह से बाला साहब ठाकरे की प्रशंसा में एक शब्द नहीं निकलता है। शिवसेना और एनसीपी में बंटवारे के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछले चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) और एनसीपी (अविभाजित) 124-124 सीटों पर लड़ी थीं। इन सबके अलावा इस बार महायुति ने 5 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं।

सीएम पर फैसला चुनाव के बाद होगा
मुख्यमंत्री के रूप में देखे जाने पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने करीब एक हफ्ते पहले कहा था कि लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं तो यह समस्या नहीं है, समाधान है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वे सीएम बनने जा रहा हैं। महायुति को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एकनाथ शिंदे मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसकी घोषणा की जाएगी। शिवसेना प्रमुख  सीएम एकनाथ शिंदे, एनसीपी प्रमुख अजीत पवार और भाजपा का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा। महायुति भ्रमित नहीं हैं, समस्या महाविकास अघाड़ी में है। चेहरे का सवाल  एमवीए उनके लिए है, महायुति के लिए नहीं। मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं कर रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव के बाद उनका सीएम आ सकता है।
लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में एमवीए को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और एनसीपी में तोडफ़ोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Home » राजनीति » चुनाव महाराष्ट्र में है और वसूली हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में डबल हो गई है- प्रधानमंत्री