नई दिल्ली। अब तक साइबर अपराधियों के लिए सरकार की ओर से जारी पहचान और नागरिकता दस्तावेजों की जालसाजी करना एक मुश्किल काम था। लेकिन अब, ओपन ऑल के चैट जीपीटी ने इस काम को बेहद आसान बना दिया है। ऑपन ऑलके लेटेस्ट एन आई मॉडल जीपीटी-40 जिसने हाल ही में इंटरनेट पर स्टूडियो घिबली स्टाइल की तस्वीरों से तहलका मचाया। अब असली जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और यहां तक कि वोटर आईडी कार्ड भी बना रहा है। हालांकि यह एआई मॉडल किसी असली व्यक्ति की जानकारी देने पर दस्तावेज नहीं बनाता, लेकिन यह कुछ प्रसिद्ध हस्तियों के फर्जी दस्तावेज जरूर बना देता है। इससे यह डर बढ़ गया है कि इसका इस्तेमाल साइबर क्राइम को बढ़ावा देने में हो सकता है
जीपीटी-40 से एक फर्जी आधार कार्ड बनाने को कहा, जो परिणाम सामने आए, वे चौंकाने वाले थे। एक ऐसा दस्तावेज जो इतना असली लगता था कि कोई एक्सपर्ट ही उसमें मामूली गड़बड़ी पहचान सकता था।
मामला सिर्फ आधार कार्ड तक नहीं रुका। यह मॉडल पूरी फेक आईकार्ड की सीरीज बना सकता है, जिसमें पैन कार्ड, पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज एक जैसे फॉर्मेट और डिटेल में आपस में मेल खाते थे। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति इस एआई का इस्तेमाल कर बिल्कुल असली दिखने वाली नकली पहचान बना सकता है।
जब इस मॉडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर दस्तावेज बनाने को कहा गया, तो पहले तो मॉडल ने मना कर दिया और सुरक्षा उपायों का हवाला दिया। लेकिन जब प्रॉम्प्ट को थोड़ा सा बदला गया, तो एआई ने खुद की वार्निंग प्रणाली को दरकिनार कर एक असली सा दिखने वाला वोटर आईडी कार्ड बना दिया, जिसमें नाम और फोटो भी साथ था।
जीपीटी-40 नकली पेमेंट रिसिप्ट भी बना सकता है। 100 रुपये के एक पे-टीएम ट्रांजेक्शन को मोबाइल स्क्रीन पर दिखाने वाले प्रॉम्प्ट ने एक ऐसी तस्वीर दी जो असली और नकली के बीच फर्क कर पाना लगभग नामुमकिन कर देती है। एक अन्य मामले में और (पूर्व ट्विटर) पर एक यूजर गोडोफप्रोम्प्ट ने दिखाया कि यह एआई कैसे एक फर्जी लेकिन असली जैसी दिखने वाली स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की बैचलर डिग्री बना सकता है, जो वास्तव में कभी अस्तित्व में नहीं थी।
