परीक्षा में चोर पर निबंध लिखना था। भूरा ने निबंध लिखा…
चोर देश की अर्थव्यवस्था का आधार स्तम्भ हैं…
लोगों को यह मजाक या गलत लगा पर सच में यह विषय सोचने योग्य है !!!??
चोर की वजह से ही तिजोरी है, आलमारी है और उन पर ताले भी हैं!
चोर की वजह से ही दरवाजों पर ग्रिल है, मकानों में दरवाजे हैं, दरवाजों पर ताले हैं, इतना ही नहीं, बाहर से सुरक्षा दरवाजे भी हैं !
चोर-अपराधी-बदमाशों की वजह से ही घरों में, सोसाइटी में चारों ओर बाउंड्री वॉल है, गेट है, गेट पर चौबीस घंटे वॉचमैन है और वॉचमैन की यूनिफॉर्म है।
चोर-अपराधी-बदमाशों की वजह से ही ष्टष्टञ्जङ्क है, मेटल डिटेक्टर्स हैं, इतना ही नहीं, पुलिस का साइबर सेल है.
चोर-अपराधी-बदमाशों की वजह से ही पुलिस है, पुलिस चौकी और पुलिस स्टेशन हैं, गाडिय़ाँ हैं, डंडे, राइफल और रिवॉल्वर हैं और गोलियाँ हैं।
चोर-अपराधी-बदमाशों की वजह से ही न्यायालय है, न्यायालय में जज हैं, वकील हैं और क्लर्क है
चोर-अपराधी-बदमाशों की वजह से ही जेल है, जेलर है और जेल में पुलिस है।
मोबाइल, लैपटॉप, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, वाहन जैसी बहुत सी चीजें जो इस्तेमाल में आती हैं, जब चुराई जाती हैं तो इंसान नई चीज़ खरीदता है…
इसलिए देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है…अब यह सब पढक़र आपको जरूर यकीन हो जाएगा कि चोर-अपराधी-बदमाश सच में अर्थव्यवस्था आधार स्तम्भ है…!!!
चोर-अपराधी-बदमाश न हों, तो कितने सारे धंधे बंद हो जाएं. और कितने लोगों की नौकरी की जरूरत ही नहीं रहेगी !!!
